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यह आदेश न्यायमूर्ति वी के बिड़ला तथा न्यायमूर्ति सौरभ लवनिया की खंडपीठ ने त्रिलोक नाथ सरोज की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता आर एन यादव व अभिषेक कुमार यादव ने बहस की।इनका कहना था कि मंझनपुर तहसील के भकंदा उपरहार गांव में याची की भूमिधारी भूमि पर शासन जबरन सड़क बना रहा है। यह भी पढ़ें
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न तो जमीन का बैनामा लिया गया है,न तो अधिग्रहण किया गया है और न ही याची की सहमति ली गई है। सरकार याची के संपत्ति के अनुच्छेद 300 के तहत मिले अधिकारों का उल्लघंन कर रही है।याची ने जिलाधिकारी को प्रत्यावेदन दिया है किन्तु उसपर निर्णय नहीं लिया गया और निर्माण कार्य शुरू किया गया है।जिसे चुनौती दी गई थी। यह भी पढ़ें