आजादी की सालगिरह विशेष पर अमृत महोत्सव के तहत इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम रखा गया था। लेकिन इसे आखिरी समय पर रद्द कर दिया गया। मुशायरे में बुलाए गए हाशिम फिरोजाबादी और शबीना अदीब पिछले साल शहीन बाग में प्रदर्शन में शामिल हुए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के अन्य लोगों के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी। इन दोनों के अलावा यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इकबाल अशर, पापुलर मेरठी, ताहिर फराज, मोइन शादाब, भूषण त्यागी, भालचंद त्रिपाठी और कलीम कैसर को भी आमंत्रित किया गया था। सुबह से इसकी तैयारियां की जा रहीं थीं। इसी बीच इंटरनेट मीडिया पर शाहीनबाग मसले को आधार बनाकर विरोध शुरू कर दिया गया। शाम को तकरीबन सभी आमंत्रित अतिथि सीनेट हाल में पहुंच चुके थे। काफी संख्या में छात्र पहुंचे लेकिन प्राक्टोरियल बोर्ड और सुरक्षाकर्मियों ने उनके प्रवेश पर पाबंदी लगा दी। आने वाले अतिथियों को भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने हाल में जाने से रोक दिया।
कमिश्नर ने आने से किया इंकार इन शायरों के शामिल होने की वजह से मुख्य अतिथि प्रयागराज के कमिश्नर संजय गोयल ने कार्यक्रम में शामिल होने से इंकार कर दिया। यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने भी आने से मना कर दिया। फिर कुछ ही देर में सम्मेलन निरस्त किए जाने की घोषणा कर दी गई।
विश्वविद्यालय ने किया अपमान सम्मेलन में शामिल होने आईं शबीना अदीब ने कहा कि कानपुर से आते वक्त रास्ते में ही मुझे पता चल गया था कि ऐसा क्यों हो रहा है। विश्वविद्यालय ने मेरा अपमान किया है। आजादी का महोत्सव बनाने आए थे कोई नाच-गान करने नहीं। वहीं असिस्टेंट पीआरओ डॉ. चित्तरंजन कुमार ने कहा कि कुछ अपरिहार्य कारणों से सम्मेलन रद्द हो गया। इस कार्यक्रम से कुलपति कार्यालय का कोई संबंध नहीं है।