bell-icon-header
प्रतापगढ़

सीतामाता अभयारण्य में मिले मंदिरों के अवशेष और प्रतिमाएं

यहां ऊंचाई पर एक छोटे किले में मिले नक्काशी के प्रस्तर और प्रतिमाएं

प्रतापगढ़Jun 06, 2023 / 11:59 am

Devishankar Suthar

सीतामाता अभयारण्य में मिले मंदिरों के अवशेष और प्रतिमाएं

विरासत: इतिहासविदों ने उठाई इनके काल की गणना की मांग
प्रतापगढ़. जिले के बहुमूल्य थाती सीतामाता अभयारण्य में हाल ही में एक स्थान पर किले के अवशेष मिले है। यहां मंदिरों के प्रस्तर पर उत्कीर्ण प्रतिमाएं भी मिली है। जिससे यहां वर्षों पूर्व किसी समय गुप्त शरण स्थली की संभावनाएं है। इसे लेकर जिले के इतिहासविदें और पर्यावरणविदों ने पुरातत्व विभाग से इस किले, मंदिर के काल की गणना की मांग उठाई है। जिससे यहां और भी इतिहास को भौगोलिक स्तर पर सामने लाया जा सके। यहां सीतामाता अभयारण्य के गढ़वेळा बरजामाता क्षेत्र के सरिपीपली के आगे घनघोर जंगल और ऊंचे पहाड़ पर स्थित एक प्राचीन किला हाल ही में मिला है। हालांकि यह किला विस्तार की ²ष्टि से छोटा है। लेकिन इस किले में बरजा माता का मंदिर है। जिसमें अति प्राचीन प्रस्तर मूर्तियां है। वहीं इसके पास में एक जैन मंदिर के अवशेष बिखरे पड़े हुए हैं। इस स्थल का कोई इतिहास प्राप्त नहीं हुआ।
ग्रामीणों को भी नहीं इसकी जानकारी
पर्यावरणविद् मंगल मेहता ने बताया कि हाल ही में सीतामाता अभयारण्य में भ्रमण करते हुए यहां पहुंचे। जहां इस जीर्ण-शीर्ण किले के बारे में पता लगा है। उन्होंने बताया कि इस किले का यहां के ग्रामीणों को भी कोई इतिहास ज्ञात नहीं है। जो शोध का विषय है। गौरतलब है कि प्रतापगढ़ के घनघोर जंगल में इतिहास के पुरातत्विक स्थलों में एक जानागढ़ का किला है। इसका कुछ इतिहास मिलता है। लेकिन गढ़वेला बरजा माता का के मंदिरों का कोई इतिहास नहीं।मिलता है। इतना जरूर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसका संबंध बड़ीसादड़ी रियासत से हो सकता है अथवा यह पौराणिक काल में कभी महाराजाओं का कोई गुप्त शरण स्थल रहा हो।
ऊंचाई पर स्थित है पत्थरों और बड़ी ईंटों का किला
यहां सीतामाता अभयारण्य में बरजामाता क्षेत्र के सरिपीपली के आगे घनघोर जंगल में एक ऊंचे पहाड़ पर यह किला स्थित है। जो चारों तरफ से पत्थरों और बडऱ्ी इंटों से बनाया हुआ है। अभी इस किले की दीवारें ढह गई है। यहां कई पेड़ उग आए है। जिससे यह किला दिखाई नहीं देता है।
काले पत्थरों से उत्कीर्ण है प्रतिमाएं
यहां किले में मिले मंदिर में कई अवशेष बिखरे पड़े है। जिसमें प्रस्तरों पर कई प्रतिमाएं, फूल-पत्तियां, आकर्षक पिलरों पर कई प्रकार की नक्काशी की हुई है। इसमें माता की विभिन्न भंगिमाओं की प्रतिमाएं और जैन प्रतिमा भी उत्र्कीण की हुई है। जो किले के विभिन्न भागों में बिखरी हुई है। कांठल में कई जगह शोध वंचित
कांठल का इलाका पुरातत्व विभाग के लिहाज से शोध से वंचित है। यहां कई स्थान अब भी अपनी कहानी बयां करते है। जिसमें कई जमींदोज गांवों का इतिहास भी शामिल है। इसी प्रकार इस घनघोर जंगल में इस किले, मंदिरों का शोध होना चाहिए। जिससे यहां के इतिहास से लोगों को जानकारी मिल सके।
मंगल मेहता, पर्यावरणविद्, प्रतापगढ़.

Hindi News / Pratapgarh / सीतामाता अभयारण्य में मिले मंदिरों के अवशेष और प्रतिमाएं

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.