जैविक उत्पादों के नाम पर ठगी
वहीं, कई कम्पनियां जैविक उत्पादों के नाम पर विभिन्न प्रकार के आदान बाजार में बेच रही है। ऐसे में कुछ समय से जैविक के नाम पर घटिया उत्पाद की भी शिकायतें किसानों ने की है। इसे देखते हुए कृषि विभाग ने भी किसानों को सावचेत रहने की अपील है। जिसमें उच्च गुणवत्ता वाली कंपनी के उत्पाद लेने की सलाह दी है। इसके साथ ही किसानों को दुकानदारों से संबंधित उत्पाद का बिल लेने के लिए कहा है। जिससे किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद मिल सके। गत समय से जैविक खेती को लेकर किसान जागरुक होने लगे है। हालांकि अभी जैविक खेती के किसान काफी कम है जो अधिकांश उत्पाद बाजार से भी लाते है। इसे देखते हुए कई कंपनियों ने भी जैविक उत्पाद निकाले हैं जो किसानों को बेच रहे हैं। वहीं इसकी आड़ में अधिक मुनाफा कमाने के लिए कई बार घटिया उत्पाद भी बाजार में मिल जाते है। इस प्रकार की शिकायतों को देखते हुए कृषि विभाग सचेत हो गया है।
उर्वरक के साथ अन्य उत्पाद की नहीं बाध्यता
प्रदेश में उर्वरकों के साथ अन्य उत्पाद नहीं देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिसमें कहा गया है कि कोई भी दुकानदार उर्वरक के साथ अन्य उत्पाद जबरन नहीं थमा सकेंगे। इसे लेकर कृषि विभाग ने सभी क्षेत्र के अधिकारियों को इसके लिए निर्देश जारी किए है। जिसमें कहा गया है कि दुकानों का निरीक्षण के साथ ही गोदामों का भी निरीक्षण किया जाए। उन्होंने बताया कि कोई भी दुकानदार उर्वरक की निर्धारित दर से अधिक लेने पर और अन्य उत्पाद जबरन थमाने पर कार्रवाई की जाए। इसमें दोषी दुकानदार के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 एवं उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 में वर्णित प्रावधान के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।