यह है सिकल सेल एनीमिया
सिकल सेल एनीमिया एक रक्त विकार ब्लड डिसऑर्डर है। जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलता रहता है। ये बीमारी माता-पिता से ही बच्चे में आती है। ये पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार लाल रक्त कोशिकाओं रेड ब्लड सेल को प्रभावित करता है। मुख्य रुप से आरबीसी हसियाकार के रुप में हो जाता है। सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित इंसान को रक्त प्रवाह में कमी या रुकावट का सामना करना पड़ता है। जिसके परिणामस्वरूप कई लक्षण दिखाई देते हैं जो आम तौर पर किसी में छह महीने की उम्र के आसपास नजर आते हैं। क्या है सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन
राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का उद्देश्य विशेष रूप से प्रभावित आदिवासी क्षेत्रों में 0-40 वर्ष की आयु के लोगों के बीच जागरूकता पैदा करके और जांच करके सिकल सेल एनीमिया को खत्म करना है।
जेनेटिक काउंसलिंग जरूरी
सिकल सेल एनीमिया बीमारी के उन्मूलन कार्यक्रम में जेनेटिक काउंसलिंग ज़रूरी है। शादी के पहले लडक़ा और लडक़ी का मेडिकल रिपोर्ट मिलान कर उन्हें इस रोग के बारे में जानकारी दी जा सकती हैं। जिससे भविष्य में होने वाली इस बीमारी के प्रसार को रोका जा सके।
यह है सिकल सेल एनीमिया के लक्षण
सिकल सेल एनीमिया के लक्षणों में हाथ, पैर और जोड़ों में दर्द, ऑस्टियोपोरोसिस, बार-बार पीलिया, लीवर में सूजन, मूत्राशय में रुकावट-दर्द और पित्ताशय की पथरी शामिल हैं। ये बीमारी शरीर में ऑक्सीजन फ्लो को बाधित करती है, जिससे थकान और पूरे शरीर में दर्द होता है। स्ट्रोक के लक्षण, अचानक कमजोरी, शरीर का सुन्न पड़ जाना, किडनी में समस्याए आंखो के नीचे सफेद हो जाना। हाई ग्रेड फीवर आदि।