बादल ने कहा है कि किसानों के लिए मजबूत विपक्ष की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इस बिल पर राष्ट्रपति की मुहर लगना निराशाजनक है। ये फार्म बिल देश की अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव भी डाल सकते हैं।
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बादल ने कहा है कि किसानों की दुर्दशा पूरे देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि हम किसानों, खेत, आढ़तियों और अन्य कृषि उपज व्यापारियों के समग्र हितों के लिए किसी भी संघर्ष में शामिल होने को तैयार हैं।
बादल ने कहा है कि किसानों की दुर्दशा पूरे देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि हम किसानों, खेत, आढ़तियों और अन्य कृषि उपज व्यापारियों के समग्र हितों के लिए किसी भी संघर्ष में शामिल होने को तैयार हैं।
राजनीतिक दलों से आह्वान
बादल ने किसनों के लिए संयुक्त विपक्ष को एकजुट होकर साथ आना होगा। उन्होंने कहा कि हम देश के व्यापक राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं। बादल ने पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के विरोध का सामने करते हुए सभी राजनीतिक दलों और संगठनों से आह्वान किया है कि किसानों, खेत मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए लड़ाई में साथ आएं।
बादल ने किसनों के लिए संयुक्त विपक्ष को एकजुट होकर साथ आना होगा। उन्होंने कहा कि हम देश के व्यापक राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं। बादल ने पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के विरोध का सामने करते हुए सभी राजनीतिक दलों और संगठनों से आह्वान किया है कि किसानों, खेत मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए लड़ाई में साथ आएं।
तीन दशकों से भी ज्यादा वक्त से बीजेपी की सहयोगी रही शिरोमणि अकाली दल शनिवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए से अलग हो गई है। इसके पीछे कृषि बिल में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद को आश्वस्त करने के लिए केंद्र के इनकार और जम्मू-कश्मीर में एक आधिकारिक भाषा के रूप में पंजाबी को शामिल न किया जाना प्रमुख वजह बताया है।
मिलने लगा साथ
उधर शिवसेना नेता संजय राउत ने अपने हितों के लिए शिरोमणि अकाली दल के एनडीए से संबंध तोड़ने पर उनकी सराहना की। वहीं तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि हम किसानों के लिए अकाली दल और बादल का समर्थन करते हैं।
उधर शिवसेना नेता संजय राउत ने अपने हितों के लिए शिरोमणि अकाली दल के एनडीए से संबंध तोड़ने पर उनकी सराहना की। वहीं तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि हम किसानों के लिए अकाली दल और बादल का समर्थन करते हैं।
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आपको बता दें कि देशभर के अलग-अलग राज्यों में किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृषि बिलों को मंजूरी दे दी है। उन्होंने अध्यादेशों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिसके बाद कृषि बिल अब कानून बन गए हैं।
आपको बता दें कि देशभर के अलग-अलग राज्यों में किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृषि बिलों को मंजूरी दे दी है। उन्होंने अध्यादेशों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिसके बाद कृषि बिल अब कानून बन गए हैं।
इससे पहले अकाली दल का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला था और कृषि बिल को मंजूरी नहीं देने का आग्रह किया था। विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल की तरफ से गुलाम नबी आजाद राष्ट्रपति से मिले और राष्ट्रपति से अपील की कि सब राजनीतिक दलों से बात करके ही यह बिल लाना चाहिए था। हालांकि, उनकी अपील काम नहीं आई।