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राजनीति

रामनगर के नए परिसर में स्थानांतरित होगा आरजीयूएचएस : उपमुख्यमंत्री

कनकपुर में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के निर्णय की घोषणा पिछले बजट में की गई थी। आवास विभाग से प्राप्त भूमि पर मेडिकल कॉलेज भवन बनाया जाएगा। एनएमसी ने कनकपुर में बुनियादी सुविधाओं की कमी का हवाला देते हुए आवेदन को खारिज कर दिया था।

बैंगलोरSep 26, 2024 / 05:25 pm

Nikhil Kumar

file photo

– कनकपुर में मेडिकल कॉलेज के लिए एनएमसी को फिर भेजेंगे आवेदन
बेंगलूरु.

उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने बुधवार को घोषणा की कि राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय Rajiv Gandhi University of Health Sciences (आरजीयूएचएस) को चरणबद्ध तरीके से रामनगर के नए परिसर में स्थानांतरित किया जाएगा। सरकार ने कनकपुर में मेडिकल कॉलेज शुरू करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी ) को फिर से आवेदन प्रस्तुत करने का निर्णय लिया है।
रामनगर और कनकपुर मेडिकल कॉलेज की प्रगति पर एक बैठक में भाग लेने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, रामनगर मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए भूमि आवंटन का मुद्दा सुलझा लिया गया है और काम प्रगति पर है। मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं। पिछले सरकारी आदेश के अनुसार, हमने राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को रामनगर में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। यह चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कनकपुर में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के निर्णय की घोषणा पिछले बजट में की गई थी। आवास विभाग से प्राप्त भूमि पर मेडिकल कॉलेज भवन बनाया जाएगा। एनएमसी ने कनकपुर में बुनियादी सुविधाओं की कमी का हवाला देते हुए आवेदन को खारिज कर दिया था। बुनियादी सुविधाओं में सुधार के बाद एनएमसी National Medical Commission को फिर से आवेदन भेजने का निर्णय लिया गया है।कनकपुर मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि पूजन बहुत पहले किया गया था, लेकिन तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर कॉलेज को चिक्कबल्लापुर ले गए। उस मेडिकल कॉलेज की लागत 450 करोड़ रुपए थी, जो अब 850 करोड़ रुपए हो गई है। भाजपा ने बदले की राजनीति की। कनकपुर मेडिकल कॉलेज के लिए 600 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं और काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कुछ भी गलत नहीं किया

मुडा MUDA मामले को लोकायुक्त को सौंपे जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, अगर न्यायालय ने कहा है तो इसकी जांच की जाएगी। हमें पूरा भरोसा है कि मुडा मामले में मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या शामिल नहीं हैं। अगर ऐसा है भी तो अधिकारियों की गलती हो सकती है। मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि मुख्यमंत्री इस मामले में बेदाग निकलेंगे।यह पूछे जाने पर कि क्या मुडा मामला सिद्धरामय्या के राजनीतिक करियर में काला धब्बा है, उन्होंने कहा, जब कोई दाग ही नहीं है तो काला धब्बा होने का सवाल ही कहां है। जांच होगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मुख्यमंत्री दोषी हैं।
हरियाणा की चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मुडा मुद्दे को उठाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, जो राजनीति करना चाहते हैं, वे राजनीति करते हैं। राजनीति और कानून में फर्क होता है।” इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन पर उन्होंने कहा, कई मामलों में केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ जांच चल रही है, क्या वे सत्ता में नहीं बने हुए हैं? पहले उनका इस्तीफा लें और फिर मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगें।

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