once again reservation in promotion issue raised in bhopal
भोपाल. पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सरकार और कर्मचारी संगठनों के बीच चल रहा विरोधाभाष खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सपॉक्स की ओर से रविवार को तुलसी नगर स्थित नर्मदा मंदिर में राज्यस्तरीय सम्मेलन किया गया।
इसमें विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में पदाधिकारियों ने भाग लिया। पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की चिंता करती है और मानती है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के कारण पदोन्नति रुकी है, तो अपील वापस क्यों नहीं लेती।
सम्मेलन में संस्था के पदोन्नति में आरक्षण को लेकर चल रहे संघर्ष और उच्च न्यायालय के निर्णय को लागू कराने तथा सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण की स्थिति पर मंथन किया गया। यह भी निर्णय लिया गया कि सामाजिक समरसता के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग को भी इस सम्बंध में जागरूक करना जरूरी है कि क्रीमीलेयर न रखा जाना किस तरह आरक्षण के लाभ से उन्हें वंचित रखने की साजिश है।
सपॉक्स के पीएस परिहार, बीएल त्यागी, अभिषेक सोनी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इनका कहना था कि हाल ही में शासन ने कहा था कि पदोन्नति न की जाना बेईमानी है और शासकीय सेवकों के प्रति अन्याय है, सपॉक्स जानना चाहता है कि लगातार सभी स्तरों पर मांग रखने के बावजूद डेढ़ वर्ष से सरकार हमारे न्यायिक अधिकारों का हनन क्यों करती रही?
इसे बेईमानी मानते हैं तो सपॉक्स दोषियों पर कार्रवाई की मांग करता है। सरकार बैकलॉग के एक लाख पदों को भरने की पहल कर रही है, जबकि अनारक्षित १ लाख ७५ हजार खाली पदों को भरने की कोशिश नहीं कर रही।
समाजों के साथ मिलकर करेंगे आंदोलन सम्मेलन में इसके लिए आगामी रणनीति भी तय की गई। निर्णय लिया गया कि अप्रैल माह में सभी सपॉक्स समाजों को शामिल कर भोपाल में रैली निकाली जाएगी। इसके पहले फरवरी के पहले सप्ताह में सात दिवसीय क्रमिक भूख हड़ताल की जाएगी।
इसकी समाप्ति पर जनजागरुकता के लिए पूरे प्रदेश में जागरुकता रथ रवाना किए जाएंगे, जो अपै्रल माह में रैली के दिन लौटेंगे। सांसद, विधायकों को उनके क्षेत्र में घेरकर जनसमूह के साथ ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
तोमर अध्यक्ष संस्था द्वारा रविवार को आयोजित सम्मेलन में कार्यकारिणी में भी फेरबदल किए गए हैं। आनंद सिंह कुशवाह के स्थान पर केएस तोमर को अध्यक्ष बनाया गया है, इसी तरह उपाध्यक्ष बीएल त्यागी के स्थान पर रक्षा दुबे को उपाध्यक्ष और बुंदेला के स्थान पर एसआर मलिक को सहसचिव बनाया गया है।
पदाधिकारियों का इसके पीछे तर्क था कि संस्था की निरंतर बढ़ती गतिविधियों और कुछ कार्यकारिणी सदस्यों की अतिरिक्त व्यस्तताओं के चलते संबंधित की सहमति से कार्यकारिणी में यह परिवर्तन किया गया है।