BJP नेताओं के बयान अलग-अलग दरअसल, बीजेपी (BJP National President) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) सोमवार को महाराष्ट्र (Maharashtra Political Drama) में बीजेपी नेताओं से बात करते हुए था कि पार्टी अपने बलबूते राज्य में सरकार बनाएगी। इसके लिए उन्होंने अभी से तैयारी में जुटने के लिए कहा था। इसके बावजूद चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) ने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी शिवसेना के साथ अब भी सरकार बनाने के लिए तैयार है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अगामी विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में पार्टी अपने दम पर सरकार बनाएगी। अब इस पर देवेन्द्र फडणवीस ने साफ कहा है कि पार्टी की ऐसी कोई तैयारी नहीं। उन्होंने कहा कि ना ही कोई बातचीत चल रही है और ना ही कोई प्रस्ताव आया है। पूर्व सीएम ने कहा कि BJP की ओर से भी कोई प्रस्ताव नहीं गया है। पाटिल ने यहां तक कहा कि बिहार (Bihar) में RJD-JDU मिलकर चुनाव लड़ी थी और BJP को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन, बाद में JDU-BJP ने मिलकर नई सरकार बनाई। पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसी ही हुआ था। शिवसेना के साथ मिलकर बीजेपी चुनाव लड़ी थी, जबकि एनसीपी और कांग्रेस विरोध में थे। लेकिन, शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने में कामयाब हुई। उन्होंने कहा कि अगर एक बार फिर बीजेपी-शिवेसेना का सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री बीजेपी का ही होगा। साथ ही ढााई-ढाई साल वाला फॉर्मूला भी नहीं होगा।
क्या BJP में कुछ गड़बड़ है? वहीं, पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस (EX CM devendra fadnavis ) ने पाटिल के बयान का खंडन करते हुए कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है। साथ ही ना कोई चर्चा है। फडणवीस के इस बयान से साफ स्पष्ट है कि पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। दोनों के बयान ठीक विपरित हैं। क्योंकि, जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda on Maharashtra Election) ने अकेले सरकार बनाने की बात कही थी तो पाटिल ने सरकार बनाने का बयान क्यों दिया? इन दोनों नेताओं के बयान से पार्टी के अंदर ही विरोध शुरू हो गया है। पार्टी की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि पार्टी इन दोनों नेताओं में किस पर भरोसा करें।