दरअसल पीएम मोदी ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से उनके प्रदेशों में कोरोना की स्थिति और लॉकडाउन ( Lockdown ) की अवधि 3 मई से आगे बढ़ाए जाने संबंधी मुद्दों पर चर्चा की। इस चर्चा में जहां देशभर के राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा वहीं केरल की ओर से मुख्यमंत्री की बजाय मुख्य सचिव ( Cheif Secretary ) शामिल हुए।
लॉकडाउन के बाद ट्रेनें चलाने को लेकर रेलवे ने बनाया खास प्लान, अब नए नियमों के साथ करनी होगी यात्रा कोरोना वायरस से निपटने के लिए अब तक की स्थिति और आगे की रणनीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की। लेकिन इस बैठक में केरल के सीएम पी विजयन ने दूरी बनाए रखी और अपनी जगह पर प्रदेश के मुख्य सचिव को चर्चा में शामिल होने के लिए कहा। खास बात यह है कि उन्होंने इस दूरी की वजह भी बताई।
पीएम मोदी से चर्चा में केरल सीएम के ना आने से कई सवाल उठने लगे तो करेल सरकार की ओर से इसको लेकर सफाई भी दी गई। केरल सरकार के कार्यालय की ओर से बताया गया कि इससे पहले पीएम मोदी के साथ हुई दो बैठकों में हमें बताया गया था कि इस दौरान कोरोना को रोकने के लिए विचार किया जाएगा, जबकि इस बार वाली बैठक को लेकर ये जानकारी दी गई कि इसमें पूर्वोत्तर समेत अन्य राज्यों पर फोकस रखा जाएगा।
ऐसे में इस बैठक में मुख्यमंत्री का शामिल होना इतना जरूरी नहीं था। यही वजह है कि केरल सरकार ने मुख्य सचिव को इस चर्चा में शामिल होने के लिए कहा। कोरोना संकट के बीच ओडिशा सरकार ने कामगारों को लेकर किया सबसे बड़ा फैसला
यहां ये जान लेना जरूरी है कि केरल ने तेजी से अपने राज्य में कोरोना वायरस पर काबू किया है। एक वक्त था जब यहीं से देश में कोरोना का पहला केस सामने आया था, औऱ अब यही ऐसा राज्य है जहां पिछले कुछ समय में एक भी कोरोना पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है।