कर्ज से परेशान किसान का अनोखा विरोध, मुख्यमंत्री के नाम कर दी खेत की जमीन जयंत सिन्हा के शामिल होने पर राजनीति केंद्रीय नागरिक उड्डयन राजयमंत्री जयंत सिन्हा ने बरी हुए आरोपियों को अपने घर बुलाकर फूलों की माला पहनाई, मिठाई खिलाई और उनके साथ फोटो भी खिंचाई। इसके बाद उन पर सियासी हमले तेज हो गए। इस पूरे मामले के सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियों ने जयंत सिन्हा को निशाने पर लिया। विपक्ष का कहना है कि देश में जब शक का माहौल बना हुआ हैं और अफवाहों के आधार पर अभी तक 27 लोगों की हत्या की जा चुकी है ऐसे में एक केंद्रीय मंत्री का यह गैर जिम्मेदाराना कृत्य बेहद निंदनीय है।
राहुल गांधी की ओर हो रहे हमलों के बाद जयंत सिन्हा ने बाद में अपनी गलती स्वीकारी और इस पर खेद जताया था। केंद्रीय उड्ययन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा ‘मैंने कई बार कहा कि यह मामला सब-जुडिस है। इस मसले पर लंबी चर्चा करना उचित नहीं होगा। सभी को न्याय मिलेगा और दोषियों को सजा मिलेगी। जहां तक माला पहनाने का मामला है, तो इससे गलत इम्प्रेशन गया है। इसके लिए मुझे खेद है।
जयंत सिन्हा का पलटवार लम्बी चुप्पी के बाद जयंत सिन्हा ने इस मामले पर अब पलटवार करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लिंचिंग केस पर बहस करने की चुनौती दे डाली है। ट्विटर पर अपने कृत्य पर खेद जताते हुए सिन्हा ने कहा कि यदि कांग्रेस अध्यक्ष को लगता है कि उनका व्यक्ति आचार व्यवहार सही नहीं है तो उन्हें मामले में सभ्य तरीके से बहस करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी निजी तौर उन पर हमला करने लगे हैं।मैं राहुल गांधी को सीधी बहस का न्योता देता हूं।’ जयंत सिन्हा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘ राहुल गांधी ने मेरी शिक्षा, मूल्यों और मानवता की निंदा की है। मैं उनको रामगढ़ लिंचिंग केस के मामले में हिंदी या अंग्रेजी में सीधी बहस की चुनौती देता हूं।
राजनाथ सिंह ने 17 राज्यों में चलाए जा रहे सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम की समीक्षा की बता दें कि इस मामले की शुरुआत तब हुई थी जब राहुल गांधी ने ट्वीट कर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से जयंत सिन्हा की डिग्री निरस्त करने वाली ऑनलाइन पिटीशन पर जनता से समर्थन मांगा। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा था कि, ‘अगर एक सुशिक्षित सांसद और केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का लिंचिंग के मामले में दोषी अपराधियों को माला पहनाने और सम्मानित करने का दृश्य आपको घृणा से भर देता है, तो इस पिटीशन का समर्थन करें।’
क्या है मॉब लिंचिंग मामला 29 जून 2017 को झारखंड के रामगढ़ में मांस के व्यापारी अलीमुद्दीन की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। अलीमुद्दीन की वैन में बीफ होने के शक में लोगों ने उसे पकड़ लिया था और अलीमुद्दीन की पीट पीट कर हत्या कर दी थी। मांस कारोबारी की हत्या और उसके बाद से इस पूरे मामले को राजनीतिक रूप देने की कोशिश की जा रही थी। भाजपा के नेताओं ने आरोपियों का शुरू समर्थन किया और बाकी अन्य पार्टियों ने इनके लिए फांसी की मांग की थी।