बीजेपी के इन आरोपों के बाद कांग्रेस ने भी तुरंत मोदी सरकार पर पलटवार किया। केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक वर्ष समाप्त होने पर कांग्रेस ने इसे असीम पीड़ा का वर्ष करार दिया है। पार्टी का कहना है कि ये मोदी 0.2 है, ना कि मोदी 2.0, क्योंकि जीरो और जीरो को जोड़ने पर डबल जीरो होता है।
कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ( KC Venugopal ) ने शनिवार को कहा कि यह वर्ष भारी निराशा, अपराधिक कुप्रबंधन एवं असीम पीड़ा का रहा है। मोदी सरकार ( Modi Govt ) के सातवें वर्ष की शुरुआत में देश ऐसे मुकाम पर आकर खड़ा है, जहां नागरिक सरकार की ओर से दिए गए अनगिनत घावों व निष्ठुर असंवेदनशीलता की पीड़ा सहने को मजबूर हैं।
वेणुगोपाल ने कहा कि जनता के सामने ‘विकास’ बनाम ‘वूडू मोदीनोमिक्स’ की वास्तविकता आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काल्पनिक विकास के लिए ‘60 साल बनाम 60 महीने’ का नारा लगाया था। प्रतिवर्ष 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन 2017-18 में पिछले 45 सालों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर रही।
कोरोना के बेरोजगारी दर अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 27.11 प्रतिशत हुई है। रेटिंग एजेंसियों ने वित्तवर्ष 2020-21 में नकारात्मक जीडीपी दर का अनुमान दिया है। कोरोना से पहले ही अर्थव्यवस्था बर्बादी के कगार पर पहुंच चुकी थी।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ( Randeep Surjewala ) ने कहा कि मोदी सरकार के 6 सालों में 32,868 ‘बैंक फ्रॉड’ हुए जिनमें देश के खजाने को 2,70,513 करोड़ रु. का चूना लगा। बैंकों के स्ट्रेस्ड एस्सेट बढ़कर 16,50,000 करोड़ रु. के हो गए और एनपीए 30 जून, 2014 को 2,24,542 करोड़ रु. से 423 प्रतिशत बढ़कर मार्च, 2020 में 9,50,000 करोड़ रु. हो गया।
कोरोना के दौरान केंद्र ने मेहुल चोकसी, नीरव मोदी, जतिन मेहता, विजय माल्या आदि के 68,607 करोड़ रु. के लोन को राईट ऑफ कर दिया। उन्होंने कहा कि 20 लाख करोड़ रु. का राहत पैकेज किसानों, मजदूरों, गरीबों, लघु एवं मध्यम उद्योगों के साथ छलावा है। गांवों में गरीबी दर 2017-18 में बढ़कर 30 प्रतिशत हो गई। लॉकडाऊन के चलते करीब 8 करोड़ प्रवासी मजदूर गांवों में लौटे हैं।
देशवासी गरीब तो भाजपा हो रही अमीर सुरजेवाला ने कहा कि एक तरफ देशवासी और गरीब होते जा रहे हैं, वहीं भाजपा की संपत्ति तेजी से बढ़ रही है। भाजपा की आय 2014-15 में 970 करोड़ रु. से बढ़कर 2019-20 में 2410 करोड़ रु. हो गई। चाहे नोटबंदी हो, जीएसटी हो या फिर कोविड लॉकडाऊन, सारे फैसले एक व्यक्ति ने लिए थे।
नीतिगत विफलता के चलते, इन सबका परिणाम देशवासियों के लिए विनाशकारी साबित हुआ है। मौजूदा संकट के समय 1 लाख 10 हजार करोड़ के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट और 20 हजार करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को चालू रखना केंद्र के अहंकार का प्रमाण है।
आपको बता दें कि इससे पहले जेपी नड्डा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल की समझ सीमित है। नड्डा ने कहा कि गांधी के सभी कमेंट राजनीति के लिए होते हैं और उन बयानों का लक्ष्य कोविड-19 संकट की ओर नहीं होता है।
70 साल की कमियां 1 साल में दूर जेपी नड्डा ने मोदी सरकार 2.0 के एक साल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में 70 वर्ष की कमियों को सिर्फ एक वर्ष में दूर कर दिया है। इसके साथ ही मोदी सरकार ने एक वर्ष में कई अहम फैसले लिए हैं।
नड्डा ने कहा कि कोरोना संकट में कांग्रेस का बर्ताव पूरी तरह गैर जिम्मेदाराना रहा है। इस मुश्किल समय में भी जब देश महामारी से जूझ रहा है कांग्रेस आरोप लगाने में जुटी है। जेपी नड्डा ने कहा, ‘बीजेपी ने कोरोना संकट का राजनीतिकरण नहीं किया।