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दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव और इस बार के विधानसभा चुनाव का समीकरण बिल्कुल अलग है।
2015 में हुए चुनाव के दौरान जेडीयू और बीजेपी दोनों ही एक-दूसरे के सामने थे। पिछले चुनाव में बीजेपी ने जेडीयू को 22 सीटों पर हराया था। जबकि जेडीयू कैंडिडेट्स ने बीजेपी उम्मीदवारों को 27 सीटों पर पटखनी दी थी। अब चूंकि चुनावी समीकरण बदल चुके हैं और दोनों ही राजनीतिक दल एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में पिछले चुनाव के दौरान जिन सीटों पर दोनों ही दल एक दूसरे के खिलाफ थे, उन पर किसी दावेदारी हो इस बात को लेकर मंथन जारी है।
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RJD छोड़कर JDU में शामिल हुए विधायक—
दिल्ली वालों पर Coronavirus और Dengue का डबल अटैक, बेमेल इलाज ने डॉक्टरों को परेशानी में डालाभाजपा लालू प्रसाद यादव की आरजेडी छोड़कर आए इन विधायकों के खिलाफ कई सीटों पर चुनाव लड़ी थी। हालांकि इन सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। आपको बता दें कि बिहार में एक अक्टूबर से विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी जो 10 नवंबर को मतगणना तक चलेगी। इस बार बिहार चुनाव अन्य चुनावों के मुकाबले कुछ अलग होगा। इसकी सबसे बड़ी वजह देश में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार है। इस के दौरान कोरोना के खतरे से बचाव के लिए आयोग ने कई खास प्रबंध किए हैं। जैसे कि 2015 के मुकाबले 62 प्रतिशत से ज्यादा नए मतदान केंद्रों की व्यवस्था हुई है। जिससे इस बार एक मतदान केंद्र पर केवल 1000 लोग ही वोट देंगे। पहले 1500 लोग वोट देते थे। मतदान केंद्र के गेट पर हर व्यक्ति को थर्मल स्कैनर से गुजरना होगा। हाथ सैनिटाइज करने के बाद ही वोटर वोट दे सकेंगे।