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दरअसल, 2014 में भाजपा की जीत के साथ सफलता के शिखर पर पहुंचे प्रशांत का जादू देश में खूब छाया रहा। लेकिन कांग्रेस रणनीतिकार के रूप में 2017 विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को मिली करारी हार ने उनको हाशिये पर लाकर खड़ा कर दिया। भाजपा सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी प्रशांत किशोर की योग्यता की कदर करते हैं और एक बार फिर चुनाव की कमान उनको सौंपना चाहते हैं।
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वहीं, खबर यह भी है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जो पार्टी चुनाव अभियान की कमान भी संभाल रहे हैं, की ओर से अभी प्रशांत को लेकर कोई संकेत नहीं मिला है। बताया जा रहा है कि शाह 2015 में प्रशांत के नीतीश के साथ जाने से खफा हैं। यही कारण है कि शाह अब प्रशांत को चुनावी अभियान में शामिल करने की के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि शाह ने उनको अन्य किसी प्रोजेक्ट देने की बात पर सहमति जताई है।