रात ढाई बजे आया फोन
अजीत जोगी राजीव गांधी ( Rajiv Gandhi ) के संपर्क में उस दौरान आए जब वे पायलट हुआ करते थे। जब भी राजीव गांधी रायपुर आते तो अजीत जोगी उनसे मिलने पहुंच जाते थे। यही वजह है थी कि राजीव गांधी उनसे काफी प्रभावित थे।
अजीत जोगी राजीव गांधी ( Rajiv Gandhi ) के संपर्क में उस दौरान आए जब वे पायलट हुआ करते थे। जब भी राजीव गांधी रायपुर आते तो अजीत जोगी उनसे मिलने पहुंच जाते थे। यही वजह है थी कि राजीव गांधी उनसे काफी प्रभावित थे।
मौसम को लेकर आई बड़ी खबर, देश के 12 राज्यों में अगले 24 घंटों में बारिश के आसार लॉकडाउन-4 के बीच कई राज्यों ने बढ़ाई ढील, जानें कहां पर जारी रहेगी पाबंदी वर्ष 1985 की बात है जब अजीत जोगी इंदौर कलेक्टर हुआ करते थे। उसी दौरान एक दिन रात ढाई बजे राजीव गांधी का उन्हें फोन आया और उन्होंने कहा कि आपको राज्यसभा जाना है। बस यहीं से जोगी की राजनीति में एंट्री हो गई।
इसके बाद जोगी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। जब छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना तो अजीत जोगी प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने। 2009 में जोगी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद 2014 में भी वो महासमुंद की अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे।
अजीत जोगी ने भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके कुछ दिन रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्यापन का काम किया। फिर वो 1968 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफल हुए और IPS बने, दो साल बाद ही वे IAS बन गए।
जोगी राजनीति में शायद पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो आईपीएस और आईएएस दोनों के लिए चुने गए थे बताते हैं कि दो साल तक उन्होंने बतौर आईपीएस सेवा दी और फिर उसके बाद आईएएस बन गए।
कलेक्टर के तौर पर भी उनका रिकॉर्ड यादगार रहा है और वो इंदौर और रायपुर के कलेक्टर रहे हैं, उन्होंने ‘द रोल ऑफ डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर’ और ‘एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ पेरिफेरल एरियाज’ नाम से दो किताबें भी लिखी हैं।