tannot mata temple saved indian army
यूं तो भारतीय सेना दुनिया की सर्वाधिक सक्षम 5 सेनाओं में एक हैं परन्तु भारतीय सेना के पास कुछ ऐसी भी चीजें है जो दुनिया की किसी सेना के पास नहीं है और जिनके दम पर भारतीय सेना हमेशा जीतती रही है। इन्हीं में एक है तन्नौट माता का आर्शीवाद।
जैसलमेर से 120 किलोमीटर दूर भारत पाक सीमा पर स्थित एक मन्दिर में विराजमान तन्नौट माता ने 1965 के युद्ध में पाक सेना के 3000 से भी अधिक गोलों को बेअसर कर भारतीय सेना को बचाया था। किंवदंती है कि उस समय पाक सेना ने जितने भी गोले मन्दिर परिसर के आस-पास दागे उनमें से एक भी नहीं फटा और हमारे देश की सेना का कोई नुकसान नहीं हुआ।
आठवीं सदी में राजपूत राजा ने बनवाया था तन्नौट माता मंदिर
कहा जाता है संवत 847 में भाटी राजपूत राजा तनु राव ने तन्नौट को अपनी राजधानी बनाया था। उसी समय इस मन्दिर की नींव रखी गई थी और मां की मूर्ति की स्थापना की गई। बदलते समय के साथ भाटी राजाओं की राजधानी तन्नौट से जैसलमेर हो गई लेकिन मन्दिर वहीं का वहीं रहा। वर्तमान में मन्दिर बीएसएफ और आर्मी के जवानों द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जाता है। तन्नौट माता को देवी हिंगलाज का अवतार माना जाता है। उल्लेखनीय है कि देवी हिंगलाज का मन्दिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है।