महालक्ष्मी मंदिर, मुंबई अरब सागर के किनारे बी देसाई मार्ग पर स्थित महालक्ष्मी मंदिर लाखों लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। कहा जाता है कि यह मंदिर मुंबई शहर के सर्वाधिक प्राचीन मंदिरों में एक है। यहां पर धन की देवी महालक्ष्मी के साथ देवी महाकाली और महासरस्वती भी विद्यमान है।
लक्ष्मीनारायण मंदिर, नई दिल्ली नई दिल्ली स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ विराजित हैं। इस मंदिर का निर्माण 1622 में वीरसिंह देव ने करवाया था। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित इस मंदिर में दिवाली में देवी लक्ष्मी की पूजा विशेष तौर की जाती है।
महालक्ष्मी मंदिर, कोल्हापुर महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित महालक्ष्मी मंदिर देश का सबसे प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिरों में एक माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 7वीं सदी में चालुक्य वंश के शासक कर्ण देव ने करवाया था। बताया जाता है कि यहां की लक्ष्मी प्रतिमा लगभग 7 हजार साल पुरानी है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां सूर्य देव खुद मां लक्ष्मी का पद अभिषेक करते हैं।
पद्मावती मंदिर, तिरुचुरा आंध्र प्रदेश में तिरुपति के पास तिरुचुरा में देवी पद्मावती का सुंदर मंदिर स्थित है। मान्यता है कि तिरुपति बालाजी के मंदिर में मांगी गयी मन्नतें तभी पूरी होती है, जब बालाजी के साथ-साथ देवी पद्मावती का आशीर्वाद लेते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पद्मावती का जन्म कमल के फूल से हुआ है, जो इसी मंदिर के तालाब में खिला था।
महालक्ष्मी मंदिर, इंदौर मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण 1832 में मल्हारराव होल्कर ( द्वितीय ) ने करवाया था। यहां हर साल दीपावली पर पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं। उनके सुश्रृंगारित स्वरूप के दर्शन के लिए दूर-दूर से यहां भक्त आते हैं। यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु देवी महालक्ष्मी का दर्शन करते हैं।
महालक्ष्मी मंदिर, श्रीपुरम तमिलनाडु के वेल्लू जिले के श्रीपुरम गांव में स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर को ‘दक्षिण भारत का स्वर्ण मंदिर’ के रुप में जाना जाता है। बताया जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में 15 हजार किलो सोना का इस्तेमाल किया गया है। 100 एकड़ में फैला यह मंदिर पहले आम लोगों के दर्शन के लिए बंद था। साल 2007 में इस मंदिर का गेट सभी लोगों के लिए खोल दिया गया।