यह मंदिर मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में कालीसिंध नदी के किनारे स्थित है। इसका नाम गड़ियाघाट वाली माताजी मंदिर है। ज्वाला देवी मंदिर की तरह यहां भी 24 घंटे दीपक जलता रहता है। हैरानी की बात तो यह है कि दीपक को तेल या घी से नहीं बल्कि पानी से जलाया जाता है। एक तरफ जहां पानी से आग बुझ जाती है। वहीं इस मंदिर में माता के चमत्कार से पानी पड़ते ही दीपक और ज्यादा तेजी से जलने लगता है।
मंदिर के पुजारी के अनुसार, माता के मंदिर में दीपक लगातार जल रहा है। इस दीये में महज एक बार ही पानी भरा जाता है। जो पांच वर्षों तक कम नहीं होता है। इस दीये में कालीसिंध नदी का पानी भरा जाता है। बता दें कि यह मंदिर इसी नदी के तट पर बसा है इसलिए माना जाता है कि इस नदी का पानी चमत्कारी है। इस नदी पर देवी मां का आशीर्वाद है।
कहा जाता है कि इस मंदिर में पुजारी जब एक परात में नदी से पानी भरकर लाते हैं, तब वो एकदम साफ रहता है, लेकिन जैसे ही इससे दीपक जलाया जाता है, ये पानी तेल की तरह चिपचिपा हो जाता है। हालांकि इसके पीछे का कारण वैज्ञानिक भी नहीं खोज सके हैं।
मंदिर के पुजारी के मुताबिक दीये में एक बार बाती डालने के बाद ये पांच सालों तक ऐसे ही जलती रहती है। ये बाती भी छोटी नहीं होती है। पुजारी के मुताबिक काली सिंध नदी बरसात में डूब जाती है, लेकिन माता का मंदिर सुरक्षित रहता है। देवी मां के इसी चमत्कार के चलते हर पांच साल के बाद बरसात के बाद ही दीये में पानी भरा जाता है।
देवी मां के इस चमत्कार को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। उनका मानना है कि जो भी भक्त यहां सच्चे मन से दर्शन करता है, उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।