पाली शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर कीरवा गांव में 32 साल के महेन्द्र पुत्र छोगाराम मेघवाल ने गुरुवार देर रात जहर खा लिया। शुक्रवार सुबह उसकी पत्नी भीखीदेवी उठी तो उसके मुंह से झाग निकल रहा था और वह अचेत था। वह चिल्लाने लगी तो पड़ोसी एकत्रित हुए और तुरंत उसे बांगड़ हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां जांच के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मृतक का शव बांगड़ हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया है। गुड़ा एंदला थाने के हेड कांस्टेबल पर्बतसिंह ने बताया कि मृतक की पत्नी ने रिपोर्ट दी है।
पत्नी ने तीन को ठहराया जिम्मेदार
मृतक की पत्नी भीखीदेवी ने रोते हुए गांव की ही एक महिला, उसके पति और एक अन्य युवक को अपने पति की मौत का जिम्मेदार बताया। उसने कहा कि कुछ दिन पहले उसके पति ने बताया कि यह तीनों उसे परेशान कर रहे हैं। उसे कुछ हो जाए तो उसकी मौत के जिम्मेदार ये तीनों होंगे। मृतक कमठे पर मजदूरी का काम करता था।
बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
महेन्द्र की पत्नी ने बताया कि उसके पति नाना गांव क्षेत्र के है। 12 साल पहले लव मैरीज की थी। शादी के बाद वे कीरवा गांव आकर रहने लगे। उसके पति कमठे का काम करते थे। उसके छह साल की बेटी भूमि और एक साल का बेटा खुशवीर है। महेन्द्र मेघवाल की मौत से उसके बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया।