अभिभावक चंदन शर्मा के तीन बच्चे जानवी शर्मा (कक्षा 3), हीना शर्मा (कक्षा पांच) व कपिल शर्मा (कक्षा 7) में निजी स्कूल में थे। इस सत्र में उन्होंने जून में इन बच्चों की निजी स्कूल संचालक से टीसी मांगी तो उनको बाद में आने कहा। इसके बाद उनको सितम्बर में निजी स्कूल संचालक ने बुलाया और सत्र की पूरी फीस देने पर ही टीसी देने को कहा। इस पर चंदन ने कलक्टर से सीएम तक गुहार लगाई। सीएम ने भी टीसी दिलाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा था।
चंदन शर्मा ने अपने तीनों बच्चों का प्रवेश शपथ पत्र पर पुनायता के राजकीय अंगेजी माध्यम स्कूल में करवाया। इस समय कक्षा आठवीं की पूर्णता प्रमाण पत्र परीक्षा के आवेदन भरे जा रहे है। जो चंदन का पूत्र कपिल शर्मा टीसी के अभाव में नहीं भर पा रहा था। इस कारण परिवार अनशन पर बैठ गया।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अभिभावकों के साथ करण सोलंकी, महेन्द्र चौधरी, परमवीरसिंह, जय शर्मा व ललित वैष्णव सहित कई विद्यार्थी भगोना लेकर पहुंचे। उन्होंने टीसी की भीख देने को कहा। निजी स्कूल संचालक के नहीं मानने पर लोगों से भीख लेकर फीस भरने तक को कहा। वे करीब डेढ़ घंटे तक धूप में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे रहे।
जिले के एक निजी स्कूल संचालक ने तो बच्चे के जीवन से ही खिलवाड़ कर दिया। उसके दसवीं का आवेदन इस कारण नहीं भरा कि अभिभावक पिछले सत्र की फीस पूरी समय पर जमा नहीं करा सके। इसके बाद अभिभावक ने कलक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी के चक्कर लगाए। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने अभिभावक के साथ अजमेर जाकर 20 गुना अधिक लेट फीस के साथ आवेदन करवाया।
अभिभावक व निजी स्कूल संचालक को बैठाकर एक मध्यस्थ के साथ समझौता करवाया है। अभिभावक पिछले सत्र की फीस देने को तैयार है। निजी स्कूल संचालक भी टीसी देने की बात मान गए है। –जगदीशचंद राठौड़, जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय, पाली