बिजनेस ऑपरेशन व सोजत शाखा में तैनात था आरोपी
पुलिस उपअधीक्षक अनिल सारण ने बताया कि परिवादी कंपनी फ्यूजन माइक्रो फाइनेंस कंपनी ने न्यायालय में इस्तगासे के जरिए सोजत थाने में मामला दर्ज करवाया था। इसमें बताया कि कंपनी में कार्यरत कर्मचारी महेंद्रसिंह, मुकेश कुमार सालवी, पंकज सोलंकी, हरिसिंह लखेरा, सुनील जोशी व अनिल बैरा ने कंपनी में रिलेशनशिप ऑफिसर का कार्य किया था। जो बिजनेस ऑपरेशन व सोजत शाखा में तैनात थे। उक्त कर्मचारियों को ऋण वितरण, किस्तों की वसूली व ग्राहकों को सोर्सिंग की जिमेदारी सौंपी थी। अंदेशा होने पर ऑडिट कराई तो सामने आए तथ्य
एक मार्च 2023 को परिवादी कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक को कंपनी ग्राहक से शिकायत मिली कि उनके केवाइसी दस्तावेज का उपयोग, उसकी जानकारी व सहमति बिना ऋण प्राप्त करने के लिए किया था। कंपनी के जांच किए जाने पर उक्त ग्राहकों के दस्तावेज का अनुचित उपयोग किया तथा ऋण राशि खाते से अन्य किसी खाते में स्थानातंरित कर दी। बाद में कंपनी को अंदेशा होने पर ऑडिट कराई तो यह तथ्य सामने आए कि कर्मचारियों ने ग्राहकों के आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, बैंक पासबुक में जालसाजी कर 421 ग्राहकों का फर्जी ऋण स्वीकृत कराकर एक करोड़ उन्नीस लाख चौबीस हजार इकतालीस रूपए की राशि का भुगतान प्राप्त कर कंपनी से धोखाधड़ी की।
आरोपी ने धोखाधड़ी करना स्वीकारा
धोखाधड़ी प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सीओ सारण के निर्देशन में सीआइ कपूराराम चौधरी के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया। टीम ने धोखाधड़ी में प्रयुक्त बैंक खातों का रिकॉर्ड व ऋण आवेदनकर्ताओं के निवास, पते से संबंधित ग्राम पंचायतों से रिकॉर्ड प्राप्त किए। घटना के बाद फरार हुए आरोपियों के संबंध में कार्रवाई कर मुख्य आरोपी महेंद्रसिंह को दस्तयाब किया। उसने फर्जी दस्तावेज से बैंक खातों में लाखों रुपए के ऋण राशि स्वीकृत करवा धोखाधड़ी करना स्वीकारा।