पाली। राजस्थान में घूमने का मन बना रहे हैं तो पाली जिले के नारलाई गांव अवश्य आइएगा। यहां प्राचीन बावडि़यां, हाथीनुमा पहाड़ी, 11 जैन मंदिर, रावला नारलाई, जैकलेश्वर महादेव मंदिर, आईमाता मंदिर और भंवर गुफा जैसे कई मनमोहक और प्राचीन धार्मिक व सांस्कृतिक पर्यटन स्थल है। यह खासीयत है पाली जिले के देसूरीउपखण्ड के नारलाई गांव की। गांव की इसी खूबसूरती को निहारने हर साल देसी और विदेशी सैलानी बड़ी संख्या में यहां खींचे चले आते हैं। यहां की सांस्कृतिक धरोहर भी निराली है। इस कारण पर्यटक नारलाई गांव घूमना नहीं भूलते।
यह गांव आजकल कुछ अन्य खूबियों के लिए भी चर्चा में है। महाराज स्वरूपसिंह चेरिटेबल ट्रस्ट रावला नारलाई की ओर से यहां प्राचीन बावडि़यों का संरक्षण किया जा रहा है। गांव के साफ-सुथर बनाने के लिए किए गए अनूठे प्रयासों से नारलाई गांव पूरे प्रदेश में सुर्खियों में हैं।
इसी कारण, स्वच्छता और जल संरक्षण के क्षेत्र में पाली जिले का नारलाई गांव नजीर पेश कर रहा है। गांव की सफाई व्यवस्था देखने लायक है। इसके लिए देवनगरी स्वच्छता अभियान शुरू किया गया है। सुबह-शाम सफाईकर्मी गांव की हर गली को साफ-सुथरा बनाते हैं। कचरा उठाने के लिए गाड़ी लगी हुई है। गलियों में कचरा पात्र रखे हुए हैं। यह सब संभव हुआ है महाराज स्वरूपसिंह चेरिटेबल ट्रस्ट रावला नारलाई की सहभागिता से। ट्रस्ट ने गांव में शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य और जलसंरक्षण का बीड़ा उठा रखा है। ट्रस्ट के सहयोग से नारलाई गांव मॉडल रूप में निखर रहा है।
ट्रस्ट ने गांव के विकास के लिए कई काम हाथ में लिए हैं। हाल ही ‘देवनगरी स्वच्छता अभियान’ की शुरुआत की है। जिसके तहत एक लाख की राशि हर माह स्वच्छता पर खर्च की जा रही है। गांव को स्वच्छ बनाने के लिए एक गार्बेज वाहन व सार्वजनिक जगहों पर 30 कचरा पात्र लगाए गए हैं। मुख्य सड़क मार्ग की सफाई, डस्टबिन खाली करने का नियमित कार्य और नालियों की सफाई की जाती है। इसके लिए आठ सफाईकर्मी लगाए गए हैं।
मरीजों के लिए नि:शुल्क एम्बुलेंस सेवा नारलाई गांव में कई प्राचीन बावड़ियां हैं। ट्रस्ट ने इनका रख-रखाव किया है। इसके अलावा मरीजों की मदद के लिए एक एम्बुलेंस हर समय नि:शुल्क उपलब्ध रहती है। सार्वजनिक शिशु श्मशान व पांच विभिन्न समाज की श्मशान भूमियों पर 18 लाख की लागत से सुदृढ़ीकरण किया है।
ट्रस्ट यों निभा रहे जनसहभागिता 15 परिवारों को प्रति माह एक हजार की राशि दी जाती है। अनाथ एवं निर्धन 8 छात्र-छात्राओं को 25-30 हजार की सालाना छात्रवृत्ति दी जाती है। शोक चिट्ठी मिलने पर मृतक के परिवार को 10 हजार की सांत्वना राशि देते हैं।
गुडा खोबान 25 छात्रों को साइकिल दी। गांव में सार्वजनिक जगहों पर 90 रोड लाइट लगाई। खिलाड़ियों को प्रतिवर्ष 50 हजार की खेल सामग्री का वितरण। इन्हाेंने कहा… ग्रामीणों के स्वास्थ्य, शिक्षा और संस्कृति का संरक्षण हमारा दायित्व है। महाराज अजीत सिंह को नारलाई गांव हमेशा प्रिय रहा। वे नारलाई के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहे। इस कारण सम्पूर्ण नारलाई गांव हमारे परिवार का अभिन्न हिस्सा है। निस्वार्थ भाव से इसके विकास के लिए हम संकल्पित है।
-राघवेन्द्रसिंह, सूर्यवीरसिंह, डायरेक्टर, महाराज स्वरूपसिंहजी चेरिटेबल ट्रस्ट ट्रस्ट का गांव के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। गांव को स्वच्छ बनाने की पहल सराहनीय है। रोड लाइट, एम्बुलेंस समेत कई कार्य भी करवाए गए हैं।
– शेखर मीणा, सरपंच, नारलाई