पाकिस्तान

कौन था खादिम हुसैन रिजवी और टीएलपी क्यों फ्रांस के राजदूत को पाकिस्तान से निकलवाना चाहती है

टीएलपी के कार्यकर्ता मुरीद के कैम्प तक पहुंच चुके हैं। यहां से इस्लामाबाद महज 14 किलोमीटर दूर है। इस्लामाबाद को चारों तरफ से सील कर दिया गया है। इसके अलावा, सरकार ने तीन शहरों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। कट्टरपंथी नेता की रिहाई समेत 4 मांगों को लेकर टीएलपी ने इस्लामाबाद की ओर कूच कर रहा है, जबकि सरकार ने राजधानी पहुंचने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया है।
 

Oct 29, 2021 / 12:58 pm

Ashutosh Pathak

नई दिल्ली।
पाकिस्तान में सरकार और प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान यानी टीएलपी के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। कट्टरपंथी नेता की रिहाई समेत 4 मांगों को लेकर टीएलपी ने इस्लामाबाद की ओर कूच कर रहा है, जबकि सरकार ने राजधानी पहुंचने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया है।
हालांकि, टीएलपी के कार्यकर्ता मुरीद के कैम्प तक पहुंच चुके हैं। यहां से इस्लामाबाद महज 14 किलोमीटर दूर है। इस्लामाबाद को चारों तरफ से सील कर दिया गया है। इसके अलावा, सरकार ने तीन शहरों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है।
यह भी पढ़ें
-

फ्रांस और ब्रिटेन में बढ़ी तनातनी, एक दूसरे के जहाज रोकने की धमकी, जानिए वैश्विक कारोबार पर क्या होगा असर

बीते बुधवार को गुंजारवाला में हुई हिंसा में 4 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी, जबकि 250 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। टीएलपी ने भी साफ कर दिया है कि अगर सरकार ने पुलिस या दूसरे सुरक्षा बलों के जरिए उसे रोकने की कोशिश की तो बड़े पैमाने पर हिंसा हो सकती है और इसकी जिम्मेदार सरकार होगी।
टीएलपी की पहली मांग 6 महीने से जेल में बंद कट्टरपंथी नेता साद रिजवी को रिहा को लेकर है। सरकार इसके लिए मान गई है। इमरान सरकार का यह भी कहना है कि टीएलपी पर लगा बैन भी खत्म किया जाएगा और उसके लोगों को रिहा कर दिया जाएगा। लेकिन टीएलपी फ्रांस के राजदूत को निकालने की मांग पर अड़ी हुई है, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है।
सरकार का कहना है कि अगर ऐसा किया गया तो मुल्क को इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। यूरोपीय देश पाकिस्तान के खिलाफ हो जाएंगे। जीएसपी प्लस स्टेटस खत्म हो जाएगा और पाकिस्तानियों का यूरोप जाना मुश्किल हो जाएगा।
यह भी पढ़ें
-

उत्तर कोरिया में जबरदस्त खाद्यान्न संकट, तानाशाह का फरमान- अगले 4 साल तक लोग सिर्फ एक वक्त खाना खाएं, जानिए क्यों ऐसी स्थिति बनी


दूसरी ओर, टीएलपी झुकने को तैयार नहीं है। उसका कहना है कि पैगम्बर की बेअदबी के मामले में फ्रांस के राजदूत को देश से निकाला जाए। दरअसल, टीएलपी की स्थापना खादिम हुसैन रिजवी ने 2017 में की थी। वह पंजाब के धार्मिक विभाग में कर्मचारी था और लाहौर की एक मस्जिद का मौलवी था। लेकिन वर्ष 2011 में जब पंजाब पुलिस के गार्ड मुमताज कादरी ने पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या की, तो रिजवी ने कादरी का खुलकर समर्थन किया। इसके बाद उसे नौकरी से निष्कासित कर दिया गया।
जब 2016 में कादरी को दोषी करार दिया गया तो टीएलपी ने ईश निंदा और पैगंबर के ‘सम्मान’ के मुद्दों पर देशभर में विरोध शुरू किया। खादिम ने फ्रांस को एटम बम से उड़ाने की वकालत भी की थी। पिछले साल अक्टूबर में खादिम रिजवी की मौत हो गई थी। खादिम रिजवी की मौत के बाद उसके बेटे साद रिजवी ने टीएलपी का नेतृत्व संभाल लिया।

Hindi News / world / Pakistan / कौन था खादिम हुसैन रिजवी और टीएलपी क्यों फ्रांस के राजदूत को पाकिस्तान से निकलवाना चाहती है

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.