ओलंपिक खेलों के इतिहास में निशानेबाजी सबसे पुराना खेल है। लेकिन क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि 1900 ओलंपिक खेलों में शूटरों ने कबूतरों को निशाना बनाया था। इन खेलों के दौरान कबूतरों को पिंजरों से हवा में छोड़ा जाता था और प्रतिभागी को उसके ऊपर निशाना लगाकर मार गिराना होता था। यदि कोई निशानेबाज दो निशाने चूक जाता था, तो वह प्रतियोगिता से हट जाता था। सबसे अधिक कबूतर मारने वाले को विजेता घोषित किया गया।
300 से ज्यादा कबूतर मारे गए :
उस दिन करीब 300 से ज्यादा कबूतर मारे गए। प्रतियोगिता स्थल पर शूटिंग देख रहे दर्शकों पर खून और पंखों की बौछार हो गई। चारों तरफ मृत और घायल कबूतर पड़े हुए थे।
उस दिन करीब 300 से ज्यादा कबूतर मारे गए। प्रतियोगिता स्थल पर शूटिंग देख रहे दर्शकों पर खून और पंखों की बौछार हो गई। चारों तरफ मृत और घायल कबूतर पड़े हुए थे।
निंदा हुई तो आइओसी ने पलड़ा झाड़ा :
कबूतरों के नरसंहार की पूरी दुनिया में कड़ी निंदा की गई। आइओसी ने इस बात से इनकार कर दिया कि यह ओलंपिक का एक आधिकारिक कार्यक्रम था। इसके बाद से फिर कभी ओलंपिक में कबूतरों या अन्य किसी पक्षी को निशाना नहीं बनाया गया।
कबूतरों के नरसंहार की पूरी दुनिया में कड़ी निंदा की गई। आइओसी ने इस बात से इनकार कर दिया कि यह ओलंपिक का एक आधिकारिक कार्यक्रम था। इसके बाद से फिर कभी ओलंपिक में कबूतरों या अन्य किसी पक्षी को निशाना नहीं बनाया गया।