स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (SAI) के बयान के अनुसार, पिछले साल बुडापेस्ट में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नदीम के साथ प्रतिस्पर्धा करने वाले चोपड़ा ने कहा, “यह विश्वास करना कठिन है कि वह एक नया जैवलिन पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनकी साख को देखते हुए, यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं होना चाहिए।”
बुडापेस्ट में चोपड़ा के बाद दूसरे स्थान पर रहे अरशद नदीम को लेकर कई रिपोर्ट सामने आई है। इसमें उन्होंने मीडियो को बताया, “अब यह उस स्तर पर है जहां जैवलिन टूट गया है। मैंने पेरिस ओलंपिक से पहले राष्ट्रीय महासंघ और अपने कोच से इसके बारे में कुछ करने के लिए कहा है।”
नीरज चोपड़ा ने कहा, ‘जब मैंने 2015 में अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया तो मुझे यह जैवलिन मिला… ओलंपिक खेलों में पदक जीतने का लक्ष्य रखने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय एथलीट के लिए, उचित उपकरण और प्रशिक्षण सुविधाओं की आवश्यकता होती है।’
चोपड़ा के पूरे प्रशिक्षण और अंतर्राष्ट्रीय दौरों का खर्च भारतीय खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) द्वारा उठाया जाता है। उनका मानना है कि नदीम पाकिस्तान का गौरव हैं और उन्हें समर्थन दिया जाना चाहिए। 90.18 मीटर थ्रो के साथ अरशद नदीम ने बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में पोडियम के शीर्ष पर रहने के लिए एक नया रिकॉर्ड बनाया था। इससे राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक के लिए पाकिस्तान का 60 साल का इंतजार खत्म हुआ था।
नीरज चोपड़ा ने कहा, ‘ऐसा नहीं हो सकता कि उसके (अरशद) पास जैवलिन खरीदने का साधन न हो। वह एक चैंपियन हैं और कुछ ब्रांड समर्थन कर रहे होंगे। मुझे लगता है उसने थोड़ा पैसा भी कमाया है, लेकिन उनकी सरकार उनके ज़रूरतों को देख सकती है और उनका समर्थन कर सकती है, जैसे मेरी सरकार मेरा समर्थन कर रही है।’ यदि सब कुछ ठीक रहा, तो आगामी पेरिस ओलंपिक में भाला प्रतियोगिता में एक मजबूत एशियाई मुकाबला देखने को मिल सकता है। भारत के लिए नीरज चोपड़ा और किशोर जेना हिस्सा ले रहे हैं, जबकि पाकिस्तान को उम्मीद नदीम से है।