ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। ब्रिटिश हाईकोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों में कंपनी ने माना है कि उसकी कोरोना वैक्सीन से कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी टीटीएस हो सकता है। टीटीएस नामक इस बीमारी से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है। क्या कोविशील्ड वैक्सीन से ही अटैक के मामले बढ़े हैं। यह जांच का विषय है।
— शंकर गिरि, रावतसर, हनुमानगढ़(राजस्थान)
……………………………………………………..
कोरोना के बाद लोगों को नई नई तरह की बीमारियां हुई हैं। क्या यह वैक्सीन की वजह से है। यह पहले दबी जुबान में कहा जाता था लेकिन अब कोविशील्ड वैक्सीन के निर्माता ने स्पष्ट कर दिया कि इस वैक्सीन के साइड इफैक्ट हो सकते हैं। तब इस चर्चा को बल मिल गया। लेकिन वास्तविक कारणों का अभी भी खुलासा नहीं हो पाया है।
— लता अग्रवाल चित्तौड़गढ।
……………………………………………….
फार्मा कंपनी ने कोविशील्ड वैक्सीन से हुए साइड इफैक्ट्स को स्वीकार किया है। लेकिन ऐसा लगता है कि इसका प्रचार प्रसार अधिक हो गया है। क्या वास्तव में इसके साइड इफैक्ट्स से मौतें हो रही हैं यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता। इससे जनता में भय का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है।
—अजीतसिंह सिसोदिया, खारा बीकानेर
…………………………………………………….
ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्रेजनेका पर आरोप है कि उसकी वैक्सीन से कई लोगों की मौत हो गई । कई अन्य को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है । ऐसे 51 मामले ब्रिटिश हाई कोर्ट में दर्ज है। ब्रिटिश हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान कंपनी में माना है कि उसकी वैक्सीन में टीटीएस हो सकता है। इस बीमारी में शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या भी गिर जाती है और हार्ट अटैक होने की संभावना बढ़ जाती है। एस्ट्रेजनेका के ही फार्मूले से भारत में कोविशील्ड नाम की वैक्सीन बनाई गई है और इसके 175 करोड़ डोज लगाए गए हैं। इसलिए आमजन को अपनी सेहत के प्रति चिंता हो रही है ।
—अरविंदर सिंह, कोटपुतली राजस्थान
…………………………………….
कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन लगाई गई थी। देश भर में करोडों लोगों ने यह वैक्सीन लगाई थी। अब इसके इफैक्ट सामने आने से लोगों में चिंता बढ़ गई है।
— साजिद अली चंदन नगर इंदौर।
……………………..
कोरोना काल में कोराना से बचाने के लिए कोविशील्ड वैक्सीन ईजाद की गई थी। कम समय में यह तैयार की गई थी। इसलिए इसके साइड इफैक्ट्स देखने का समय नहीं था। वर्तमान में इसके साइड इफैक्ट्स देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में इस कंपनी ने स्वीकार किया है। इस वजह से कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
— निर्मला देवी वशिष्ठ, राजगढ़, अलवर