वन्य जीवों के आवास नष्ट
जंगली जानवरों के इंसानों पर हमले बढ़ रहे हैं। इसकी वजह यह है कि मानव की बढ़ती आबादी के कारण वन्यजीवों के आवास नष्ट हो रहे हैं।
-निर्मला देवी वशिष्ठ, राजगढ़ अलवर
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जंगली जानवरों के इंसानों पर हमले बढ़ रहे हैं। इसकी वजह यह है कि मानव की बढ़ती आबादी के कारण वन्यजीवों के आवास नष्ट हो रहे हैं।
-निर्मला देवी वशिष्ठ, राजगढ़ अलवर
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भोजन की तलाश में हमले जंगली जानवरों के कुदरती निवास जंगलों को हमने उजाड़ दिया है। वन क्षेत्र दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है। इस वजह से वे रहवासी बस्तियों का रुख कर रहे हैं। भोजन-पानी की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण भी जंगली जानवर हिंसक हो जाते हैं। यही कारण है कि वे इंसानों पर हमले कर देते हैं।
-ललित महालकरी, इंदौर
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-ललित महालकरी, इंदौर
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वनों की कटाई
वनों की अवैध कटाई हो रही है। इससे वन्य जीवों का विचरण आबादी वाले क्षेत्रों मेें होने लगा है। इस दौरान जंगली जानवर इंसानों पर हमला भी कर देते हैं।
-ओमप्रकाश श्रीवास्तव,, उदयपुरा, मध्यप्रदेश
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बढ़ गया है इंसान का दखल
जनसंख्या में वृद्धि के कारण कारण लोग अपने रहने के लिए जंगलों को काटकर आवास निर्माण करने लगे हैं। जहां कभी जंगली जानवरों का घर व बसेरा हुआ करता था आज वहां इंसानों का बसेरा हो गया है। ऐसे में जब इंसानों का उनसे सामना होता है, तो वे आक्रामक हो जाते हैंैं।
सरिता प्रसाद, पटना
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वनों की अवैध कटाई हो रही है। इससे वन्य जीवों का विचरण आबादी वाले क्षेत्रों मेें होने लगा है। इस दौरान जंगली जानवर इंसानों पर हमला भी कर देते हैं।
-ओमप्रकाश श्रीवास्तव,, उदयपुरा, मध्यप्रदेश
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बढ़ गया है इंसान का दखल
जनसंख्या में वृद्धि के कारण कारण लोग अपने रहने के लिए जंगलों को काटकर आवास निर्माण करने लगे हैं। जहां कभी जंगली जानवरों का घर व बसेरा हुआ करता था आज वहां इंसानों का बसेरा हो गया है। ऐसे में जब इंसानों का उनसे सामना होता है, तो वे आक्रामक हो जाते हैंैं।
सरिता प्रसाद, पटना
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उजाड़े जा रहे हैं
जंगल मनुष्य जंगली जानवरों के घर यानी जंगल उजाड़ कर लगातार निर्माण कर रहा है। हरियाली उजडऩे से केवल ऑक्सीजन ही नहीं कम होती बल्कि प्रकृति के लिए आवश्यक सूक्ष्म जीव भी नष्ट हो जाते है। जंगली जानवरों के आवास भी नष्ट हो जाते हैं। मनुष्य कंक्रीट के जंगल और भौतिक सुविधाओं का तो इंतजाम कर रहा है लेकिन जब खाने को शुद्ध भोजन, सांस लेने को हवा और पीने का पानी ही नहीं रहेगा तो वह क्या करेगा?
—महेश कुमार सुनहरे, इंदौर
जंगल मनुष्य जंगली जानवरों के घर यानी जंगल उजाड़ कर लगातार निर्माण कर रहा है। हरियाली उजडऩे से केवल ऑक्सीजन ही नहीं कम होती बल्कि प्रकृति के लिए आवश्यक सूक्ष्म जीव भी नष्ट हो जाते है। जंगली जानवरों के आवास भी नष्ट हो जाते हैं। मनुष्य कंक्रीट के जंगल और भौतिक सुविधाओं का तो इंतजाम कर रहा है लेकिन जब खाने को शुद्ध भोजन, सांस लेने को हवा और पीने का पानी ही नहीं रहेगा तो वह क्या करेगा?
—महेश कुमार सुनहरे, इंदौर