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आपकी बातः क्या व्यापारिक संबंधों की बहाली का पाक विदेश मंत्री का बयान गंभीरता से लिया जाना चाहिए?

आपकी बात में पूछे गए सवाल पर पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। पेश हैं उनमें से चुनी हुई प्रतिक्रियाएंः

Mar 28, 2024 / 06:36 pm

Nitin Kumar

आपकी बातः क्या व्यापारिक संबंधों की बहाली का पाक विदेश मंत्री का बयान गंभीरता से लिया जाना चाहिए?

व्यापार संबंध पर गंभीरता से विचार जरूरी
पाकिस्तान एक बार फिर से भारत के साथ व्यापार संबंध स्थापित करने पर सोच-विचार कर रहा है। भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद पाकिस्तान की तरफ से व्यापारिक संबंधों को एकतरफा रोकने का फैसला किया गया था। पाकिस्तान ने अनुच्छेद 370 की दोबारा बहाली की मांग की जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया। दोनों देशों के बीच इसे लेकर आए तनावों के बावजूद दोनों देश फरवरी 2021 में नियंत्रण रेखा पर 2003 के युद्धविराम समझौते को नवीनीकृत करने पर सहमत हुए। लेकिन पाकिस्तान के पुराने इतिहास को देखते हुए इस विषय पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
-डॉ. अजिता शर्मा, उदयपुर
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पाकिस्तान पर भरोसा कैसे हो?
पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंधों का निर्माण उनकी मजबूरी हो सकती है क्योंकि वे आर्थिक और राजनीतिक मायने में कमजोर हैं और उन्हें अपनी आर्थिक दशा को सुधारने के लिए विदेशी निवेश और व्यापार की आवश्यकता है। हालांकि, भारत के लिए यह एक बाध्यता नहीं हो सकती क्योंकि भारत के पिछले कुछ वर्षों के पर्याप्त अनुभव हैं कि पाकिस्तान भरोसा तोड़ता ही है।
-प्रवीण रैना, उदयपुर
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कोई जरूरत नहीं है
पाकिस्तान को भारत के साथ व्यापारिक संबंध बढ़ाने की याद अब इसलिए आई है क्योंकि वह राजनीतिक तथा आर्थिक रूप से बर्बाद हो चुका है। पाकिस्तान में महंगाई चरम सीमा पर है और वहां की जनता दाने-दाने को तरस रही है । ऐसी स्थिति में आतंकवाद के पोषक पाकिस्तान के विदेश मंत्री के बयान को गंभीरता से लिए जाने की कोई जरूरत नहीं है ।
– वसंत बापट, भोपाल

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