ओपिनियन

प्रत्यक्ष : विश्वास

कृतवर्मा और वाह्लीक ने मिलकर सात्यकी को रोका। अंबुष्ट, अभिमन्यु से जा भिड़ा। युद्ध की बुझती-बुझती ज्वाला, जैसे फिर से जाग ही नहीं गई थी, पूर्णत: भड़क भी उठी थी। आज भीम की गदा, द्रोण से भी नहीं रुक पा रही थी। 

बिलासपुरOct 29, 2015 / 03:21 am

afjal

Hindi News / Prime / Opinion / प्रत्यक्ष : विश्वास

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.