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Leadership: आदर्श है ‘फ्लो’ और ‘लीडरशिप’ का संयोजन

यह संयोजन व्यक्तिगत योगदान की सीमाओं से परे उत्कृष्टता के पथ पर संगठन की सामूहिक प्रतिभा में समाहित होने में मददगार है

Sep 12, 2023 / 11:18 pm

Nitin Kumar

Leadership: आदर्श है ‘फ्लो’ और ‘लीडरशिप’ का संयोजन

प्रो. हिमांशु राय
निदेशक, आइआइएम इंदौर
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पिछले आलेखों में मैंने न सिर्फ प्रभावी नेतृत्व बल्कि प्रवाह (फ्लो) के विषय में भी चर्चा की। सत्य तो यह है कि दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं, अर्थात प्रभावी नेतृत्व प्रवाह की संस्कृति को विकसित करने के साथ ही संभव है। यह ऐसी स्थिति निर्मित करता है जहां लीडर उचित कार्यों व विचारों के उदाहरण से अधीनस्थों को प्रेरित करते हैं, सभी कर्मचारियों को उनकी क्षमता को उजागर करने के लिए सशक्त बनाते हैं, और टीम की गतिशीलता को बढ़ाने के लिए प्रवाह की शक्ति का उपयोग करते हैं। आइए जानते हैं उन तरीकों के बारे में जिनसे लीडर अपने संस्थान या कार्यस्थल पर प्रवाह निर्मित कर सकते हैं?
1. उदाहरण पेश कर नेतृत्व करना: जो नेता प्रवाह सिद्धांतों को अपनाते हैं वे काम में जुनून व समर्पण का प्रदर्शन करते हुए उदाहरण पेश करते हैं। अपने प्रवाह अनुभव साझा करके वे टीमों को उत्कृष्टता हासिल करने और अपने योगदान में अर्थ खोजने के लिए प्रेरित-प्रोत्साहित करते हैं।
2. प्रवाह के अनुभव के लिए सशक्तीकरण: प्रवाह-उन्मुख लीडर कर्मचारियों को उनकी भूमिकाओं में प्रवाह के अनुभव के लिए जरूरी समर्थन व संसाधन प्रदान करते हैं, कौशल विकास के अवसरों को सुविधाजनक बनाते हैं, स्वायत्तता को प्रोत्साहित करते हैं, व जुड़ाव की बाधाएं दूर करते हैं। इससे प्रवाह के विस्तार के लिए वातावरण को बढ़ावा मिलता है।
3. टीम की गतिशीलता बढ़ाने के लिए प्रवाह का उपयोग: प्रवाह-उन्मुख लीडर और प्रबंधक मानते हैं कि इससे टीम की गतिशीलता और सहयोग को बढ़ाया जा सकता है। सभी के कौशल व चुनौतियों को संरेखित कर, खुले संचार को प्रोत्साहित कर, साझा उपलब्धियों के लिए शाबाशी दे कर, प्रबंधक एक एकीकृत और उच्च प्रदर्शन करने वाली टीम बना सकते हैं जो सामूहिक रूप से प्रवाह की शक्ति का अनुभव करती है।
इसी प्रकार, निर्णय लेने और समस्या-समाधान में भी प्रवाह-उन्मुख प्रबंधक स्पष्टता के साथ चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होते हैं। वे अनिश्चितता के बीच शांति की भावना बनाए रखने में माहिर होते हैं और अपने अंतज्र्ञान व रचनात्मक अंतर्दृष्टि से पारंपरिक सोच की सीमाएं पार कर जाते हैं। चूंकि नेतृत्व प्रवाह की लय के साथ सम्बद्ध है, असाधारण और प्रभावशाली लीडर हमेशा उदाहरण पेश करके नेतृत्व करते हैं। वे अपनी टीमों को अपने स्वयं के प्रवाह अनुभवों को अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। विकास और निरंतर सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देकर, वे कार्यस्थल पर ऐसा वातावरण बनाते हैं जो व्यक्तियों को आगे बढऩे, अपनी उच्चतम क्षमता हासिल करने और साथ मिलकर सफलता प्राप्त करने में मदद करे, न कि तनावपूर्ण स्थितियों से उनका सामना कराए।

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