scriptअधिक उत्पादन बन सकती है आफत: ऊंचे भाव देख किसानों ने लगाया इस फसल पर दाव, 1 लाख 5 हजार 77 हैक्टेयर में कर दी बुवाई | Excess production can become a problem: Seeing the high prices, farmers bet on this crop, sowed it in 1 lakh 5 thousand 77 hectares | Patrika News
कोटा

अधिक उत्पादन बन सकती है आफत: ऊंचे भाव देख किसानों ने लगाया इस फसल पर दाव, 1 लाख 5 हजार 77 हैक्टेयर में कर दी बुवाई

Agriculture News Update For Farmers: अच्छे भावों से उत्साहित किसानों ने इस बार हाड़ौती में लहसुन की जबरदस्त बुवाई की है। बुवाई का आंकड़ा इस बार सर्वाधिक है। अधिक उत्पादन किसानों के लिए आफत नहीं बन जाए, क्योंकि हाड़ौती में लहसुन की प्रोसेसिंग इकाइयां नहीं हैं।

कोटाDec 11, 2024 / 12:33 pm

Akshita Deora

कोटा जिले के एक खेत में लहसुन की निराई करते हुए।

Hadoti News: लहसुन के भावों में इस बार सर्वकालीन तेजी रही। लहसुन 40 हजार रुपए क्विंटल तक बिका। इससे किसानों की बल्ले-बल्ले हो गई। अच्छे भावों से उत्साहित किसानों ने इस बार हाड़ौती में लहसुन की जबरदस्त बुवाई की है। बुवाई का आंकड़ा इस बार सर्वाधिक है। अधिक उत्पादन किसानों के लिए आफत नहीं बन जाए, क्योंकि हाड़ौती में लहसुन की प्रोसेसिंग इकाइयां नहीं हैं। सीजन में इसका भण्डारण भी मुश्किल होता है। इसलिए सरकार को लहसुन की प्रोसेसिंग इकाइयां लगाने के लिए निवेशकों को आकर्षित करने की जरूरत है। कृषि एवं उद्यान विभाग के अनुसार हाड़ौती में अब तक 1 लाख 5 हजार 77 हैक्टेयर में लहसुन की बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल के मुकाबले दोगुना से अधिक है। पिछले साल हाड़ौती में 48 हजार 29 हैक्टेयर में ही लहसुन की बुवाई हुई थी। प्रदेश में लहसुन उत्पादन में कोटा संभाग पहले नबर पर आता है।

गर्मी में भण्डारण मुश्किल

लहसुन की प्रोसेसिंग इकाइयों की जरूरत है। लहसुन का पेस्ट समेत कई प्रोडक्ट बन सकते हैं। झालावाड़ में इसका एक प्लांट चालू भी हुआ था। प्रोसेसिंग नहीं होने से किसानों को नुकसान होता है। 2017 में हम हाड़ौती में इसका मंजर देख चुके हैं। लहसुन के दाम नहीं मिलने पर कई किसानों की सदमे से मौत हो गई थी। इसके बाद केन्द्र सरकार ने बाजार हस्तक्षेप योजना में लहसुन की खरीद शुरू की थी। प्रोसेसिंग इकाइयां लगाने की जरूरत है। सरकार फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर अनुदान भी देती है। ऐसे में निवेशकों को आमंत्रित किया जाना चाहिए। लहसुन के भण्डारण के लिए 30 से 35 डिग्री तापमान अनुकूल है। इसके बाद तापमान बढऩे पर लहसुनु खराब होने लग जाता है। पिछले सीजन में भीषण गर्मी के कारण काफी मात्रा में लहसुन खराब हो गया था। किसानों को घरों में कूलर-पंखे लगाकर रखना पड़ा था।
यह भी पढ़ें

DLC Rate Hike : जयपुर में घर का सपना हुआ महंगा! डीएलसी दरों में तगड़ा इजाफा, दिल्ली रोड पर DLC रेट में आया 48% का उछाल

पीके गुप्ता, रिटायर्ड अतिरिक्त निदेशक, कृषि विभाग

सरकार से लहसुन का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग कर रहे हैं। बाजार को स्थिर रखने के लिए एमएसपी पर खरीद की जानी चाहिए।
दशरथ कुमार, किसान नेता

बांधों में पर्याप्त पानी होने और अच्छे दाम मिलने के कारण किसानों ने लहसुन की बुवाई ज्यादा की है। कोटा खण्ड में लहसुन की अब तक एक लाख हैक्टेयर से ज्यादा बुवाई हो चुकी है।
आरके जैन, संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार कोटा

यह भी पढ़ें

राजस्थान मे BSNL ग्राहकों के लिए आई बड़ी खुशखबरी, कंपनी अब देने जा रही है शानदार सौगात

लहसुन से जुड़ा है काला अध्याय

वर्ष 2017 में लहसुन की फसल के दाम नहीं मिलने पर हाड़ौती में एक दर्जन किसानों की सदमे से मौत हो गई थी। इसके बाद किसानों की आत्महत्या का मामला देशभर में गूंजा था।

7 से 8 लाख मीट्रिक टन उत्पादन अनुमानित

उद्यान विशेषज्ञों का आकलन है कि इस बार हाड़ौती में अच्छी बारिश होने से बांध लबालब भरे हैं। लहसुन की फसल में छह से सात बार पानी देने की जरूरत होती है। पर्याप्त पानी होने से सिंचाई की कोई दिक्कत नहीं रहेगी। इस कारण अकेले हाड़ौती में ही लहसुन का 7 से 8 लाख मीट्रिक टन उत्पादन अनुमानित है।

Hindi News / Kota / अधिक उत्पादन बन सकती है आफत: ऊंचे भाव देख किसानों ने लगाया इस फसल पर दाव, 1 लाख 5 हजार 77 हैक्टेयर में कर दी बुवाई

ट्रेंडिंग वीडियो