नई दिल्ली/नोएडा। नोटबन्दी के मुद्दे पर सरकार पर बहस से भागने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को राहुल गांधी ने कहा कि अगर वे इस मुद्दे पर संसद में बोलेंगे तो भूकम्प आ जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर वे बोलेंगे तो सरकार की सारी पोल पट्टी खुल जाएगी, यही कारण है कि उन्हें संसद में बोलने का अवसर नहीं दिया जा रहा है। इससे पहले भी वो सदन से इस मुद्दे पर बोलने की मांग करते रहे हैं, लेकिन संसद नोटबन्दी के मुद्दे पर लगातार बाधित होती रही है जिसके कारण किसी को अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं मिल पा रहा है। शुक्रवार को पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि वे पूरी दुनिया में जाकर बोलते हैं, हर इवेंट में जाकर बोलते हैं, लेकिन देश की संसद में वे नहीं बोलते हैं। अगर पीएम यहां बोलेंगे तो उन्हें वे जवाब भी सुनने पड़ेंगे जो उनको पसन्द नहीं आ रहे। उन्होंने कहा कि इसी कारण सरकार संसद नहीं चलने दे रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि पिछले एक महीने से पूरा विपक्ष यह प्रयास कर रहा है कि सरकार इस मुद्दे पर संसद में बहस करे। प्रधानमंत्री, जिनकी अकेले की मर्जी से नोटबन्दी का फैसला लागू हुआ है, सदन में मौजूद रहें। उन्होंने कहा कि किसी को यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर पीएम को सदन में आने से इतना डर क्यों लग रहा है और वे संसद परिसर में होकर भी सदन में क्यों नहीं आ रहे हैं। पीएम पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप राहुल ने नोटबन्दी के मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि नोटबन्दी में आज तक के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला हुआ है और यह प्रधानमंत्री के द्वारा किया गया है। जब वे इस नोटबन्दी के पीछे के असली मकसद को संसद के माध्यम से देश को बताएंगे तो पीएम उसे सुन नहीं पाएंगे। वे संसद के माध्यम से यह बात पूरे देश को बताना चाहते हैं। यही कारण है कि सरकार संसद न चलने देने की साजिश रच रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री की आर्थिक समझ पर व्यंग करते हुए कहा कि यह उनकी ‘आर्थिक सोच’ का ही परिणाम है कि आज देश का किसान बैंक की लाइन में खड़ा होकर अपनी जान गंवा रहा है और वहीं खुद प्रधानमंत्री चैन की सांस ले रहे हैं। उन्हें देश के किसानों की मौत से कोई तकलीफ नहीं है। अरुण जेटली ने विपक्ष पर साधा निशाना वहीं सत्तापक्ष भी विपक्ष पर बहस से भागने का आरोप लगा रहा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्षी दलों को कालेधन पर बहस की चुनौती दी और कहा कि सरकार नोटबन्दी पर बहस को तैयार है। अगर विपक्ष में नैतिक साहस हो तो वे बहस करें। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर पिछले दस सालों में भी उन्होंने कालेधन को खत्म करने का कोई एक भी प्रयास किया हो तो वे उसे जानना चाहते हैं।