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इस घोटाले का खुलासा होने पर यादव सिंह को जाना पड़ा था जेल
दरअसल 2001 से 2007 के बीच (Noida Authority) नोएडा प्राधिकरण में अंडर ग्राउंड केबल डालने का करोड़ों का कार्य (WORK) कराया गया था। इसी काम के लिए नियमों को दरकिनार करने के साथ ही गड़बड़ी मिलने पर शिकायत की गई थी। जब इस मामले में शासन द्वारा कार्रवाई नहीं हुई तो (High Court) हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले की (CBI) सीबीआई जांच कराने की मांग की गई। सीबीआई के जांच करते ही (SCAM) घोटालों की परत दर परत कई फाइलें खुल गई। जिसके बाद (CBI) सीबीआई ने प्राधिकरण के तत्कालीन पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह सहित 11 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया। सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट पेश करने के साथ ही सभी साक्ष्य व चार्जशीट आने पर यादव सिंह को सीबीआई ने 2016 में कर लिया था। इसी के बाद से यादव सिंह जेल में था। उसे अब तक जमानत नहीं मिली थी।
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5-5 लाख के बांड देने पर मिली जमानत
करोड़ों के घोटालों के आरोपी यादव सिंह को (CBI) सीबीआई कोर्ट ने 5-5 लाख रुपये के (BOND) बांड व दो जमानती पेश करने के आदेश दिए थे । यह सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद कोर्ट ने जमानत दी। वही डासना जेल प्रशासन ने यादव सिंह को सोमवार को रिहा कर दिया।