जानकारों के अनुसार हर रोज मजदूरों के घर जाने की संख्या में इजाफा होता जा रहा है और अब इसका सीधा असर नोएडा के सरकारी और गैर-सरकारी प्रोजेक्ट पर देखा जा सकता है। दरअसल शहर में कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं लेकिन लॉक डाउन के चलते बहुत ही कम मजदूर बचे हुए हैं। जिसके चलते काम की रफ्तार में कमी तो आएगी ही साथ ही ये सभी प्रोजेक्ट पूर्व निर्धारित समय सीमा में भी पूरे नही हो पाएंगे।
नोएडा अथॉरिटी सीईओ रितु माहेश्वरी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मजदूरों की कमी के चलते प्रोजेक्ट की रफ्तार में कमी आई है। उन्होंने बताया कि पर्थला गोलचक्कर पर निर्माणाधीन सिग्नेचर ब्रिज भी इस साल दिसंबर महीने में शुरू होना था, लेकिन अभी की परिस्थितियां देखते हुए लग रहा है कि यह प्रोजेक्ट वक्त रहते शुरू नहीं हो पाएंगे वहीं जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं वह भी समय से पूरे नही हो सकेंगे।
गौरतलब है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर सेक्टर-96 में भी अंडरपास बनाने का काम चल रहा था। इस अंडरपास को इसी साल सितंबर महीने तक तैयार होना था लेकिन इब इसके बनने में 6-7 महीने की देरी हो सकती है। वहीं सेक्टर-71 अंडरपास हो या दिल्ली के चिल्ला रेगुलेटर से नोएडा के महामाया फ्लाईओवर तक एलिवेटेड रोड बनाने का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट भी अब ठप होता दिख रहा है, क्योंकि यहां पर भी मजदूरों की कमी साफ देखी जा रही है। इतना ही नहीं नोएडा प्राधिकरण के कई अधिकारी और कर्मचारी भी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जहां कुछ होम आइसोलेशन में हैं तो कुछ का इलाज अस्पताल में चल रहा है। जिसकी वजह से नोएडा शहर में चलने वाले सभी प्रोजेक्ट के पूरे होने पर एक संशय बना हुआ है।