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रिटायर्ड कर्नल से मारपीट करने वाले यूपी पुलिस के इन सिपाहीयों पर हुई ये बड़ी कार्रवाईनोएडा के कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस ने सिपाही राहुल नागर और जितेंद्र अवस्थी पर रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान की शिकायत पर हत्या के प्रयास, मारपीट कर जान से मारने की धमकी देने सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। एसएसपी (गौतम बुद्ध नगर) डॉक्टर अजय पाल शर्मा ने बताया कि मारपीट व हत्या के प्रयास में एडीएम का गिरफ्तार गनर राहुल नागर जनपद मुजफ्फरनगर में तैनात है। मारपीट व हत्या के प्रयास के मामले में नाम आने के बाद विभागीय कार्रवाई कर राहुल को मुजफ्फरनगर से निलंबित कर गिरफ्तारी की गयी है।
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वसूली के लिए ये पुलिस वाला करता है ऐसा काम, जिसे सुनकर अफसर भी हो गए हैरानएसएसपी डॉक्टर अजय पाल शर्मा ने बताया कि 14 अगस्त को सेक्टर-29 में रहने वाले रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान (75 वर्ष) के खिलाफ उनकी पड़ोसी महिला ऊषा चंद्रा ने मारपीट, छेड़छाड़ तथा हरिजन उत्पीड़न कानून के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने कर्नल वीरेंद्र चौहान और उनके साथियों को गिरफ्तार कर लिया था। एसएसपी ने बताया कि 17 अगस्त को कर्नल चौहान ने जेल से जिलाधिकारी को एक पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने बताया कि महिला जनपद, मुजफ्फरनगर में तैनात अपर जिलाधिकारी हरीश चंद्रा की पत्नी है और उनके प्रभाव में ही कर्नल के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया। एसएसपी ने बताया कि पूर्व सैनिकों ने भी जिलाधिकारी से मिलकर एक सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराया, जिसमें हरिश चंद्रा अपने साथियों के साथ मिलकर कर्नल से कथित तौर पर मारपीट करता नजर आ रहा है।
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फिर मुठभेड़ से थर्राया यूपी का ये शहर, पुलिस ने 25 हजार रू. के इनामी का कर दिया ये हालयह भी देखें-पुलिस एनकाउंटर में 25 हजार इनामी बदमाश गिरफ्तार जिलाधिकारी बीएन सिंह ने सारे मामले की जांच एसडीएम सदर को सौंपी है। वहीं एकतरफा कार्रवाई करने के आरोप में पुलिस उपाधीक्षक (नगर प्रथम) अनिल कुमार और तत्कालीन थाना प्रभारी मनीष सक्सेना का तबादला कर दिया गया है। सेक्टर-29 के चौकी प्रभारी को शनिवार को ही निलंबित कर दिया गया था। कर्नल चौहान को पुलिस ने चोरी के मामले में पकड़े गए एक अन्य आरोपी के साथ 14 अगस्त को हथकड़ी लगाकर अदालत में पेश किया था। जिसके विरोध में शुक्रवार को बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों तथा शहर के लोगों ने कर्नल को हथकड़ी लगाकर अदालत में पेश करने तथा उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसाने के विरोध में नोएडा में पैदल मार्च निकाला। उनकी मांग है कि पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें बर्खास्त किया जाए।