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कोरोना काल में ऑनलाइन पिज्जा ऑर्डर करते समय हो जाएं सावधान एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि रवि कुमार और मोहम्मद जुनेद को सेक्टर-30 अस्पताल के पास से पकड़ा गया है। उन्होंने बताया कि एक्टेमरा इंजेक्शन
कोविड संक्रमित मरीजों को काफी गंभीर हालत में दिया जाता है। दोनों आरोपी एक्टेमरा इंजेक्शन 400 एमजी 20 एमएल का कालाबाजारी कर रहे थे। इनके पास से एक इंजेक्शन बरामद किया गया है। इस गिरोह का मास्टरमाइंड आकाशदीप है, जो अभी फरार चल रहा है।
एडीसीपी ने बताया कि
कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के दौरान एक्टेमरा इंजेक्शन की मांग काफी बढ़ गई है। बाजार में इस इंजेक्शन की कीमत 35 हजार रुपए तक है। जबकि आरोपी इस इंजेक्शन को 80 हजार रुपए से एक लाख रुपए में बेच रहे थे। पूछताछ के दौरान पता चला है कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड आकाशदीप है, जो अभी फरार चल रहा है। वह सोशल मीडिया पर मदद करने के नाम पर और व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर जरूरतमंद लोगों से संपर्क करता था। उन्हें तीन गुना से अधिक कीमत पर यह इंजेक्शन बेचता था। प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह लोग करीब एक महीने से इस काम को कर रहे थे और अब तक 10 से अधिक इंजेक्शन बेच चुके हैं।