नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आने से पहले स्कूलों में 10 प्लस 2 पैटर्न था। अब नई शिक्षा नीति में 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 के पैटर्न को लागू किया गया है। इसके तहत 12वीं तक की स्कूली शिक्षा में प्री स्कूली शिक्षा को भी शामिल किया गया है। स्कूली शिक्षा को 3-8, 8-11, 11-14 और 14-18 उम्र के बीच बांटा गया है। इसमें प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक एक हिस्सा। तीसरी से पांचवीं तक दूसरा हिस्सा। छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नौंवी से 12वीं तक आखिरी और हिस्सा है।
नई शिक्षा नीति में कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को सेकेंडरी स्टेज में रखा गया है। विद्यार्थी पहले साइंस, कॉमर्स तथा आट्र्स लेते थे, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। विद्यार्थियों को अपनी पसंद के विषय चुनने की आजादी होगी। कोई छात्र फिजिक्स का चयन करता है तो वह इसके साथ ही अकाउंट या आट्र्स के भी विषय ले सकता है। इसके अलावा छात्रों को छठी कक्षा से ही कंप्यूटर और एप्लीकेशन के बारे में जानकारी दी जाएगी।