scriptस्कूलों में नई शिक्षा नीति पर शुरु हुआ काम, मातृभाषा से रूबरू होंगे बच्चे | Patrika News
समाचार

स्कूलों में नई शिक्षा नीति पर शुरु हुआ काम, मातृभाषा से रूबरू होंगे बच्चे

सत्र 2024-25 में दिखने लगा बदलाव, बच्चे खेल-खेल में तैयार करेंगे असाइनमेंट

छिंदवाड़ाApr 26, 2024 / 09:49 am

ashish mishra


छिंदवाड़ा. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सत्र 2024-25 से स्कूलों में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। पांचवी क्लास तक मातृभाषा, स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई शुरु कर दी गई है। यही नहीं केजी-वन, क्लास वन के बच्चे भी अब माता-पिता के सहयोग से खेल-खेल में असाइनमेंट तैयार करेंगे। बड़ी बात यह है कि इन सबका भी रिपोर्ट कार्ड बनेगा। 9 से 12वीं के विद्यार्थियों को विषय चुनने की आजादी होगी। उल्लेखनीय है कि 29 जुलाई 2020 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई थी। कॉलेजों में नई शिक्षा नीति के तहत दाखिले की प्रक्रिया भी शुरु कर दी गई, जिसका असर देखने को शुरु से ही मिलने लगा था, लेकिन स्कूलों में इसे अब प्रभावी बनाया जा रहा है। नई शिक्षा नीति में प्री स्कूल से लेकर बारहवीं तक के सभी विद्यार्थियों को समग्र शिक्षा मुहैया कराना है। ड्रॉप आउट हुए बच्चों को वापस स्कूल से जोडऩे और पढ़ाई बीच में छोडऩे से रोकने के लिए भी योजना बनाई गई है और उस पर काम हो रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के फाउंडेशन स्टेज में 3 से 8 साल के बच्चे शामिल हैं। इस स्टेज में 3 साल अपनी स्कूली शिक्षा तथा 2 साल प्री स्कूली शिक्षा, जिसमें कक्षा 1 तथा दो शामिल है।
फाउंडेशन स्टेज में छात्रों को भाषा कौशल और शिक्षण के विकास के बारे में सिखाया जाना शुरु हो चुका है। स्कूलों का अब पूरा फोकस इसी पर है। प्रीप्रेटरी स्टेज के तहत 8 से लेकर 11 साल के बच्चे शामिल किए गए हैं। नए सत्र में कक्षा 3 से कक्षा पांच के छात्रों को इस स्टेज में भाषा और संख्यात्मक कौशल और क्षेत्रीय भाषाओं का अध्ययन कराया जा रहा है। मिडिल स्टेज के अंतर्गत कक्षा 6 से कक्षा 8 के बच्चे शामिल है। इसमें कक्षा 6 के बच्चों को कोडिंग सिखाई जा रही है। साथ ही उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण और इंटर्नशिप भी प्रदान की जाएगी।
अब 5 प्लस, तीन प्लस, चार का पैटर्न
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आने से पहले स्कूलों में 10 प्लस 2 पैटर्न था। अब नई शिक्षा नीति में 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 के पैटर्न को लागू किया गया है। इसके तहत 12वीं तक की स्कूली शिक्षा में प्री स्कूली शिक्षा को भी शामिल किया गया है। स्कूली शिक्षा को 3-8, 8-11, 11-14 और 14-18 उम्र के बीच बांटा गया है। इसमें प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक एक हिस्सा। तीसरी से पांचवीं तक दूसरा हिस्सा। छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नौंवी से 12वीं तक आखिरी और हिस्सा है।
अब चुन सकेंगे पसंद के विषय
नई शिक्षा नीति में कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को सेकेंडरी स्टेज में रखा गया है। विद्यार्थी पहले साइंस, कॉमर्स तथा आट्र्स लेते थे, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। विद्यार्थियों को अपनी पसंद के विषय चुनने की आजादी होगी। कोई छात्र फिजिक्स का चयन करता है तो वह इसके साथ ही अकाउंट या आट्र्स के भी विषय ले सकता है। इसके अलावा छात्रों को छठी कक्षा से ही कंप्यूटर और एप्लीकेशन के बारे में जानकारी दी जाएगी।

Home / News Bulletin / स्कूलों में नई शिक्षा नीति पर शुरु हुआ काम, मातृभाषा से रूबरू होंगे बच्चे

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो