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एसएनसीयू में फायर एक्जिट नहीं, भगवान भरोसे शिशुओं की सुरक्षा

मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट ( एसएनसीयू ) में 20 बेड पर 35 शिशुओं को किया जा रहा इलाज, यूपी के झांसी में हादसे के बाद सुरक्षा मानकों की परीक्षण कर माॅक ड्रिल किया। इसी तरह आइसीयू में भी इमर्जेंसी दरवाजे नहीं हैं।

खंडवाNov 17, 2024 / 11:59 am

Rajesh Patel

स्पेशल न्यू बॉर्न यूनिट में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर निरीक्षण करते नोडल चिकित्सक

मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट ( एसएनसीयू ) में 20 बेड पर 35 शिशुओं को किया जा रहा इलाज, यूपी के झांसी में हादसे के बाद सुरक्षा मानकों की परीक्षण कर माॅक ड्रिल किया। इसी तरह आइसीयू में भी इमर्जेंसी दरवाजे नहीं हैं।

झांसी की घटना के बाद भेजा रिमांइडर

मेडिकल कालेज सह अस्पताल में स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट ( एसएनसीयू ) में नवजात शिशुओं की सुरक्षा भगवान भरोसे है। वार्ड में पुख्ता इंतजाम के बाद भी फायर एक्जिट नहीं है। इससे यहां हर समय मेडिकल स्टाफ भयभीत रहता है। यूपी के झांसी मेडिकल कालेज में हुए हृदय वितरक हादसे से यहां के स्टाफ का भी कलेजा दहल गया। एक्जिट के लिए लेकर कई बार पत्र लिखा। लेकिन क्रियाशील नहीं हुआ।

यूपी की घटना के बाद जागे किया माॅकड्रिल

यूपी की घटना के बाद वार्ड में सुबह दस बजे प्रभारी डॉक्टर ने मेडिकल स्टाफ के साथ माक ड्रिल किया। इस दौरान फिक्स्ड फायर फाइटिंग सिस्टम और अग्निशामक यंत्रों का उपयोग किया गया। फायर एक्जिट को लेकर प्रभारी डॉक्टर ने मेडिकल कालेज के डीन को पत्र का रिमांइडर भेजा है।

बीस बेड पर 35 शिशु भर्ती

मेडिकल कालेज सह अस्पताल के बी-ब्लाक के ग्राउंड फ्लोर में नवजात शिशुओं के लिए स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट है। 20 बेड और तीन वेंटिलेटर के साथ ही अन्य मेडिकल इक्विपमेंट है। वार्ड में प्री-म्योच्योर 35 शिशु भर्ती है। वार्ड में मेडिकल कालेज सह अस्पताल भवन निर्माण के समय से ही फायर एक्जिट नहीं है।

दस-दस बेड के दो आईसीयू इमर्जेंसी गेट नहीं

मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के बी ब्लाक में दस-दस बेड के दो आइसीयू बने हुए हैं। दोनों में इमर्जेंसी गेट नहीं है। सर्जिकल आईसीयू में मशीनें धूल खा रहीं हैं। कार्टून समेत स्ट्रेचर आदि सामग्री रखा हुआ है। कार्डियोलॉजी आईसीयू में भी एक्जिट की व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा जिला अस्पताल में दस बेड का आईसीयू सिविल सर्जन की देखरेख में है। यहां फायर एक्जिट है।

पीआईयू के पास दो साल से अटका प्रसताव

मेडिकल कालेज और जिला प्रशासन की संयुक्त निरीक्षण के दौरान दो साल पहले ही आईसीयू और एसएनसीयू में फायर एक्जिट के लिए चर्चा कर पीआईयू को पत्र भेजा गया है। दो साल बीतने के बाद भी पीआइयू ने अभी तक संज्ञान में नहीं लिया है। मेडिल कालेज ने कई बार पीआइयू को रिमाइंडर भेज चुका है। इसके बाद भी न तो आईसीयू में और न ही एसएनसीयू में एक्जिट का निर्माण कराया जा सका है।

इनका कहना…डॉ कृष्णा वास्केल, प्रभारी, एसएनसीयू

वार्ड में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम हैं। फायर फाइटिंग सिस्टम लगा हुआ है। अग्निशामक यंत्र रखे हुए हैं। सुबह वार्ड में स्टाफ के साथ माक ड्रिल किया गया। अग्निशामक यंत्रों का उपयोग भी किया गया। समय-समय पर माक ड्रिल किया जाता है। फायर एक्जिट के लिए मेडिकल कालेज के डीन, अस्पताल अधीक्षक, सिविल सर्जन को पत्र भेजा गया है।

पीआईयू को भेजा पत्र

मेडिकल स्टाफ और तकनीकी टीम को अलर्ट कर दिया गया है। आईसीयू और एसएनसीयू में फायर एक्जिट का प्रस्ताव मेडिकल कालेज से पीआईयू को भेजा गया है। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से भी पीआईयू को निर्देश दिए गए हैं। इमर्जेंसी द्वार बनाए जाने के लिए प्रक्रिया की गई है। एक फिर रिमांइडर करेंगे।
डॉ सुनील बाजोलिया, सहायक अधीक्षक, मेडिकल कालेज सह अस्पताल

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