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समाचार

स्टालिन ने नीट पर प्रतिबंध लगाने की मांग दोहराई

सभी लोग नीट के दुष्प्रभावों को बेहतर ढंग से समझ सके।

चेन्नईJun 10, 2024 / 02:23 pm

PURUSHOTTAM REDDY

चेन्नई. मुख्यमंत्री एवं द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने हाल ही में बड़े पैमाने पर विसंगतियों और राष्ट्रव्यापी विरोध का हवाला देते हुए यूजी मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा पर प्रतिबंध लगाने की अपनी मांग रविवार को दोहराई। स्टालिन ने द्रमुक सरकार द्वारा गठित न्यायाधीश ए के राजन समिति की रिपोर्ट भी साझा की जिसमें नीट पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है क्योंकि यह गरीब और सामाजिक न्याय विरोधी प्रकृति की है। उन्होंने नीट के दुष्प्रभाव वाली रिपोर्ट को अंग्रेजी और सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में साझा किया ताकि सभी इसे समझ सकें।

उन्होंने कहा कि द्रमुक नीट के खतरों को भांपने वाली पहली दल है और इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। स्टालिन ने तमिलनाडु विधानसभा में नीट से छूट देने के लिए सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को भी याद किया, जिसे अब राज्यपाल की ओर से अत्यधिक देरी के बाद राष्ट्रपति की सहमति का इंतजार है। सत्ता में आने के बाद हमने नीट आधारित प्रवेश प्रक्रिया के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए न्यायाधीश एके राजन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की।

छात्रों, अभिभावकों और जनता से मिले इनपुट और व्यापक डाटा विश्लेषण के आधार पर समिति की रिपोर्ट प्रकाशित की गई और इसे विभिन्न राज्य सरकारों के साथ साझा किया गया ताकि नीट की गरीब और सामाजिक न्याय विरोधी प्रकृति का पर्दाफाश किया जा सके। उन्होंने कहा रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर नीट से छूट की मांग वाला एक विधेयक तमिलनाडु विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया गया। स्टालिन ने कहा बड़े पैमाने पर विसंगतियों के कारण नीट का राष्ट्रव्यापी विरोध बढ़ा है, हम न्यायाधीश एके राजन समिति की रिपोर्ट को अंग्रेजी और सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में साझा कर रहे हैं ताकि सभी लोग नीट के दुष्प्रभावों को बेहतर ढंग से समझ सके।

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