आम लोगों को यह फायदा सीवरेज डालने से शहर की सड़कों की दशा जरूर बिगड़ी लेकिन घर-घर कनेक्शन के बाद घरों के बाहर नालियों में पानी की आवक कम हो गई। इससे नालियों में भरा रहने वाला पानी बंद हो गया। मकानों में सीलन बंद हो गई। मच्छरों व गंदगी से छुटकारा मिला है। वही सफाईकर्मियों की मेहनत कम हो गई है।
इन नालों में आवक हुई कम शहर के दो प्रमुख नाले हैं। इनमें चन्द्रशेखर आजादनगर से रामधाम, शास्त्रीनगर, गांधीसागर, सांगानेर होते जिन्दल के पम्पिंग स्टेशन तक आ रहा है। दूसरा नाला पांसल से होते चपरासी कॉलोनी में पांडू का नाला, सुभाषनगर होता टंकी के बालाजी के पास आ रहा है। दोनों नालों में प्रतिदिन 30 से 40 एमएलडी पानी आ रहा था। अब 7 से 8 एमएलडी पानी की आवक है। शेष 20 से 22 एमएलडी पानी सीवेरज लाइन से कुवाड़ा एसटीपी तक पहुंच रहा है। इस पानी को आरयूआईडीपी के प्लांट से ट्रीट किया जा रहा है। वही 7 से 8 एमडी पानी जिन्दल कम्पनी ट्रीट कर रही है।
इन कॉलोनियों की नालियां सूखी सीवरेज के घर-घर कनेक्शन से आरके -आरसी व्यास, विजयसिंह पथिकनगर, चित्रकूटनगर, जैन ज्योति कॉलोनी, रमा विहार, सुभानगर आदि की नालियों में घरों का पानी नहीं आ रहा है। जो पानी आता है, वह भी नलों में पानी आने की दिन आता है।
46 हजार घरों को कनेक्शन से जोड़ा सीवरेज लाइन के बाद घर-घर कनेक्शन का काम लगभग पूरा हो गया। अब तक 46 हजार से अधिक कनेक्शन हो चुके। इसका पानी सीधा सीवेरज लाइन से एसटीपी पहुंच रहा है। इस कारण नालों में पानी की आवक घटी है।
रविन्द्र मीणा, अधिशासी अभियन्ता, आरयूआईडीपी