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सरपंच का नवाचार : बेटी के जन्म पर लगाते हैं एक पौधा, सुरक्षा के लिए लगवाए सीसीटीवी कैमरे

साढे चार साल में लगवाए करीब 6 से 7 हजार पौधे, पंचायत की निजी आय के लिए बनवाया महात्मा गांधी उद्यान

सिरोहीJun 03, 2024 / 07:24 pm

Manish kumar Panwar

सिरोही. खाम्बल में बनाए उद्यान में खड़े पेड़।

सिरोही. जिले की खाम्बल ग्राम पंचायत की ओर से विकास के साथ ही कुछ नवाचार भी किए हैं। जिसका अच्छा परिणाम भी सामने आ रहा है। सरपंच की ओर से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनूठी पहल शुरू की है। यहां बेटी के जन्म पर पौधारोपण किया जाता है। जो कि एक सराहनीय पहल है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण व जागरूकता की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है। साथ ही बेटी बचाने का भी संदेश दिया जा रहा है। राजस्थान पत्रिका की ओर से शुरू की गई सरपंचों के साक्षात्कार की शृंखला में सिरोही जिले की खाम्बल पंचायत की टोह ली गई। इसमें साक्षात्कार के जरिए यह जाना गया कि पंचायत के करीब साढ़े चार साल का कार्यकाल कैसा रहा, क्या उपलब्धियां रहीं, सरपंच कितनी सक्रिय रही, नवाचार क्या हुए, पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने के कितने प्रयास हुए। सिरोही जिले की खाम्बल ग्राम पंचायत की सरपंच मनोहर कंवर सोनगरा से हुई बातचीत के प्रमुख अंश…

आपके कार्यकाल की उपलब्धियां

वैसे तो खाम्बल ग्राम पंचायत में पिछले साढ़े चार साल में विभिन्न विकास कार्य करवाए हैं। कोरोना काल में महामारी से बचाव के लिए शत प्रतिशत वैक्सीनेशन कराया गया। जिस पर पंचायत को जिला स्तर पर सम्मानित भी किया। प्रोत्साहन के रूप में एक लाख रुपए दिए गए हैं। पंचायत में सफाई, सौन्दर्य व स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए सम्पूर्ण ग्राम खाम्बल में नवीन नाली, सार्वजनिक शौचालय, व्यक्तिगत शौचालय का योजना से निर्माण करवाया। जिसमें ठोस कचरा, तरल कचरा का भी नियमित संग्रहण, परिवहन व सफाई कार्य किया गया हैं। ग्राम पंचायत खाम्बल को ओडीएफ प्लस गांव घोषित किया है। खाम्बल व अणगौर दोनों गांवों में शमशान घाट के लिए भूमि आवंटित करवाई। आबादी विस्तार के लिए आबादी भूमि व सरकारी भवनों के लिए भूमि आवंटन, हरित ग्राम पंचायत के तहत गोचर, चारागाह विकास कार्य भी करवाया व कांटेदार बबूल की जगह एक हजार छायादार वृक्ष लगवाए गए। यहां बेटी के जन्म पर एक पौधा लगाने की अनूठी पहल शुरू की गई है। इससे पर्यावरण संरक्षण हो रहा है और आमजन में जागरूकता भी आई है।

पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए सुझाव

पंचायतों को कुछ ऐसे अधिकार मिले, जिससे उनकी आय बढ़ सकें। रॉयल्टी वसूलने और तालाबों की खुदाई करने जैसे काम पंचायतों को मिलने चाहिए। ताकि पंचायत सशक्त बन सकें।

कोई नवाचार

नवाचार के रूप में खाम्बल गांव में सुरक्षा के लिहाज से पंचायत की ओर से सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं। पूरे गांव में करीब 8 कैमरे लगाए हैं। इसकी निगरानी सरपंच के मोबाइल से होती है। कैमरे लगाने के बाद गांव में एक भी चोरी की वारदात नहीं हुई है। खास बात यह है कि यह कैमरे सौर ऊर्जा से संचालित होते हैं। पंचायत में जहां पर सडक़ें नहीं बनी थी, वहां पर सडक़ें बनाकर आवाजाही के लिए रास्तों को सुगम किया। सामाजिक रीति-रिवाज विवाह व अन्य कार्यक्रमों के लिए करीब 22000 वर्ग फिट का एक महात्मा गांधी बाबू उद्यान का निर्माण भी करवाया हैं। जिसमें पंचायत की निजी आय में भी इजाफा हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना के 20 आवासों को लाभार्थियों को प्रेरित कर पूर्ण करवाया। लक्ष्य अनुरूप 43 लाभार्थियों की स्वीकृतियां जारी की व 112 व्यक्तिगत शौचालय का भी निर्माण करवाया हैं। साथ ही आवागमन के लिए सीसी सडक़ व डामरीकरण सडकों का निर्माण कराया।

पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए कोई उपलब्धि

पर्यावरण संरक्षण को लेकर संपूर्ण खाम्बल ग्राम पंचायत क्षेत्र में 6 से 7 हजार पौधे लगवाए हैं। इनकी देखरेख पंचायत की ओर से की जा रही है। जल संरक्षण के लिए तालाब गहरीकरण कार्य कराया। खेल मैदानों व सार्वजनिक स्थानों पर पौधारोपण करवाया। इस बार भी बारिश के मौसम में पंचायत क्षेत्र में पौधारोपण किया जाएगा। पौधारोपण करने व देखभाल के लिए लोगों को भी जागरूक करते हैं। मनोहर बाग गार्डन, चेतना गार्डन, अमृत सरोवर घाट निर्माण, आरसीसी कचरा संग्रह केन्द्र, रपट निर्माण, स्कूल में प्रार्थना स्थल, स्कूल में मैदान निर्माण समेत अन्य कई तरह के विकास कार्य करवाए गए हैं।

पंचायत के अधीन गांवों की सुव्यवस्थित बसावट के लिए प्रयास

खाम्बल ग्राम पंचायत के अंतर्गत अणगौर गांव में घर-घर पेयजल के लिए जल जीवन मिशन से पेयजल टंकी, आजादी के बाद पहली बार घर-घर नल के जरिए जल, गांव तक डामरीकरण सडक़ समेत अन्य विकास के कार्य करवाए गए हैं। स्कूल में प्रार्थना स्थल, खेल मैदान समेत अन्य कार्य भी करवाए गए।

ग्राम पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने के क्या प्रयास किए

ग्राम पंचायत की आय बढ़ाने के लिए खाम्बल गांव में करीब 22000 वर्ग फिट का एक महात्मा गांधी बाबू उद्यान का निर्माण करवाया। जिससे पंचायत की निजी आय में भी इजाफा हुआ है। गांव में सामाजिक रीति रिवाज, विवाह, अन्य कार्यक्रमों के लिए किराए पर देते हैं, जिससे ग्राम पंचायत को आय हो रही है। यह राशि क्षेत्र के विकास में काम आएगी।

ऐसे काम, जिनके नहीं करा पाने का मलाल

खाम्बल ग्राम पंचायत के अंतर्गत अणगौर गांव है। अणगौर गांव राजस्व भूमि होने के कारण अभी तक एक भी पट्टा जारी नहीं किया गया। इस संबंध में मैंने कई बार उच्च अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाकर भूमि का आबादी में परिर्वतन करने की मांग की, लेकिन अभी नहीं हो पाई। मुझे इसका बहुत दुख हैं कि मेरी पंचायत के अणगौर गांव के पात्र को लोगों को आबादी का पट्टा नहीं दे पाई।

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