इस कार्रवाई से पहले विभाग 3-4 प्रतिष्ठित कंपनियों के सरसों तेल के सैंपल लेकर भी एक जांच अपने स्तर पर करवा चुका था। जिसमें इसी का ही नमूना फेल हुआ था। इसके आधार पर सैंपल अमानक पाए जाने पर झोटवाड़ा इंडस्ट्रियल एरिया स्थित परिसर में सीज की कार्रवाई की गई है। यहां से सैंपल लेकर विभागीय लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजे गए हैं।
खराब तेल बीमारियों को खुला निमंत्रण हृदय रोग : खराब तेल में ट्रांस फैट की उच्च मात्रा होती है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाकर हृदय रोगों का खतरा बढ़ा सकता है मधुमेह : खराब तेल से बने भोजन का नियमित सेवन इंसुलिन संवेदनशीलता को कम कर सकता है, जिससे टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है
कैंसर : बार-बार इस्तेमाल किए गए तेल में हानिकारक कार्सिनोजेन्स बन सकते हैं, जो विभिन्न प्रकार के कैंसर का कारण बन सकते हैं। पेट संबंधी समस्याएं : खराब तेल का सेवन पाचन तंत्र में समस्याएं, जैसे कि पेट दर्द, अपच, और दस्त, उत्पन्न कर सकता है।
मोटापा: खराब तेल में कैलोरी की उच्च मात्रा होती है, जो मोटापे का कारण बन सकता है। हाई ब्लड प्रेशर : खराब तेल में उच्च मात्रा में सोडियम और अन्य हानिकारक तत्व होते हैं, जो उच्च रक्तचाप का कारण बन सकते हैं।
— खाद्य तेल का चयन करते समय हमेशा उच्च गुणवत्ता और सुरक्षित तेल का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, तेल को एक बार गर्म करने के बाद बार-बार उपयोग करने से बचना चाहिए और एक निश्चित तापमान से अधिक गर्म नहीं करना चाहिए।
डॉ.रमन शर्मा, वरिष्ठ मेडिसिन रोग विशेषज्ञ