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कपड़े-धागे की 400 इकाइयों में आधा रह जाएगा उत्पादन

भीलवाड़ा टेक्सटाइल उद्योग पर सात घंटे की बिजली कटौती का असर

भीलवाड़ाJun 27, 2024 / 11:07 am

Suresh Jain

भीलवाड़ा टेक्सटाइल उद्योग पर सात घंटे की बिजली कटौती का असर

भीलवाड़ा पहले से मंदी के शिकार टेक्सटाइल उद्योग को अब बिजली निगम ने झटका दिया है। अजमेर विद्युत वितरण निगम के आदेश पर अब गुरुवार से उद्योगों में बिजली कटौती होगी। कटौती से शाम आठ से रात तीन बजे तक करीब 400 कपड़ा-धागा इकाइयों में काम बंद हो जाएगा। इनमें उत्पादन आधा रह जाएगा। बिजली कटौती बुधवार रात आठ बजे से होनी थी, लेकिन औद्योगिक संगठनों के विरोध करने पर एक दिन आगे खिसका दी।
अजमेर डिस्कॉम ने बुधवार रात आठ बजे से सात घंटे की बिजली कटौती के आदेश दिए थे। इसे एक दिन आगे बढ़ा दिया। इस आदेश में केवल कंटींयुअस प्रोसेस इण्डस्ट्री को मई 2024 की पीक डिमाण्ड का 50 प्रतिशत तक उपयोग करने को कहा है। टेक्सटाइल व टायर सेक्टर कंटींयुअस प्रोसेस इण्डस्ट्री है। यह उद्योग लगातार 24 घंटे कार्य करते हैं। इन उद्योगों में बॉयलर एवं अन्य कई तकनीकी उपकरणों को पावर कट के समय बंद करना मुश्किल होगा। भीलवाडा में टेक्सटाइल सेक्टर में करीब एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। पावर कट से उद्योगों में शिफ्ट बंद करनी होगी। भीलवाड़ा में 300 विविंग इकाई तथा 80 से अधिक टीएफओ उद्योग है।
ओपन एसेस के शुल्क से मिले मुक्ति

मेवाडचैम्बर के महासचिव आरके जैन ने बताया कि ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, प्रमुख शासन सचिव (ऊर्जा) एवं अजमेर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा है। इसमें राज्य में पावर की पूर्ण उपलब्धता होने तक उद्योगों को ऑपनएसेस से पावर खरीदने पर सभी शुल्क से मुक्त करने की मांग की। इससे उद्योग ऑपनएसेस से पावर खरीद सकेंगे। अभी ऑपनएसेस से पावर खरीदने पर अत्यधिक व्हीलिंग एवं क्रॉस सब्सिडी चार्जेज लगा रखा है। इसके कारण कोई भी उद्योग ऑपनएसेस से पावर नहीं ले पा रहा है। विद्युत कटौती को लेकर चैंबर का प्रतिनिधिमंडल डिस्कॉम एमडी से मिलने जाएगा।
सप्ताह में एक दिन 24 घंटे की हो कटौती

राजस्थान टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएन मोदानी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। इसमें सप्ताह में तीन-चार दिन में 50 प्रतिशत की कटौती या सप्ताह में एक दिन पूरे दिन 24 घंटे बिजली कटौती का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि विद्युत कटौती से उद्योगों पर असर पड़ेगा। पाइपलाइन में चल रहे उत्पादन तक खराब होगा। टेक्सटाइल उद्योग श्रमिक एवं शिफ्ट-वाइज उद्योग है। श्रमिक को विद्युत कटौती के बाद पुन: काम पर लगाना मुश्किल होगा।

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