यात्रियों के लिए सेवा को किफायती और आकर्षक बनाने के लिए भारत सरकार ने नागापट्टिनम बंदरगाह पर प्रासंगिक शुल्क और परिचालन की लागत को लेकर एक वर्ष की अवधि के लिए प्रति माह 25 मिलियन श्रीलंकाई रुपए से अधिक वहन करने का निर्णय लिया है। इसी तरह श्रीलंकाई सरकार ने यात्री जहाजों द्वारा श्रीलंका पहुंचने वाले यात्रियों से वर्तमान में वसूले जाने वाले एक कर को कम कर दिया है।
विदित हो कि भारत सरकार ने केकेएस हार्बर के पुनर्वास के लिए श्रीलंका सरकार को 63.65 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अनुदान सहायता भी दी है। इसे पहले क्रेडिट लाइन के तहत शुरू करने की परिकल्पना की गई थी। यह श्रीलंका की आर्थिक सुधार के प्रति भारत की मजबूत प्रतिबद्धता और भारत के साथ निकट सहयोग के साथ-साथ प्रगति और समृद्धि की दिशा में आगे बढऩे के अनुरूप है।
भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री संपर्क को मजबूत करना पिछले साल जुलाई में श्रीलंका के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान संयुक्त रूप से अपनाए गए आर्थिक साझेदारी के विजन दस्तावेज का एक महत्वपूर्ण घटक था। नौका सेवा की बहाली भारत सरकार की जन-केंद्रित नीतियों की पुष्टि है। अक्टूबर 2023 में सेवा के शुभारंभ के दौरान अपनी टिप्पणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला था कि कनेक्टिविटी न केवल दो शहरों को करीब लाने के बारे में है बल्कि देशों और उनके लोगों को करीब लाने के बारे में है।