मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि सदन पहले ही इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा कर चुका है और उन्होंने अब तक 58 लोगों की जान लेने वाली इस त्रासदी के सिलसिले में सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य विपक्षी दल सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की अगुवाई वाले गठबंधन द्वारा 40 में से 40 लोकसभा सीट जीत जाने की बात नहीं पचा पाया है और ऐसी ‘नियोजित गतिविधियों’ में लगा है। उनका इशारा द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा तमिलनाडु में भी 39 तथा पुदुचेरी की एकमात्र संसदीय सीट जीते जाने की ओर था।
कार्यवाही शुरू होने पर प्रश्नकाल के दौरान एक बार फिर अन्नाद्रमुक सदस्यों द्वारा इस मुद्दे को उठाने की कोशिश करने और अपनी मांग पर अड़े रहने पर विधानसभा अध्यक्ष एम अप्पावू ने उनके निष्कासन का आदेश दिया। इसके बाद निगम प्रशासन मंत्री के एन नेहरू ने सदन में व्यवधान पैदा करने वाले विपक्षी सदस्यों को सत्र की बाकी अवधि के निलंबित किये जाने का प्रस्ताव रखा लेकिन स्टालिन के हस्तक्षेप पर उसे बदलकर निलंबन का समय एक दिन कर दिया गया। अध्यक्ष ने कहा कि प्रस्ताव ‘सर्वसम्मति’ से स्वीकार किया जाता है।