चौदह दिन में इस्तीफा देने का प्रावधान
जिला परिषद के अधिकारियों का कहना है कि सांसद चुने गए इंदौरा के पास जिला प्रमुख के पद से चौदह दिन का समय है। इस समय अवधि में वे इस्तीफा नहीं देते हैं और संसद की सदस्यता ग्रहण करते हैं तो उनका जिला प्रमुख का पद स्वत: समाप्त हो जाएगा। इधर, जिला परिषद से इंदौरा के सांसद बनने के बाद सूचना राज्य के ग्रामीण एवं पंचायतीराज विभाग भिजवाई जा चुकी है। मनोनयन इसी माह होने के ज्यादा आसार हैं। आचार संहिता हटने के बाद निर्माण कार्यों और कई राज्य व केन्द्र सरकार की योजनाओं का बजट खर्च करने के लिए जिला परिषद सीईओ और जिला प्रमुख की अनुशंषा जरूरी है, ऐसे में सरकार जल्द यह निर्णय कर सकती है।
कांग्रेस हावी, भाजपा के सिर्फ तीन डायरेक्टर
31 सदस्यीय वाले जिला परिषद बोर्ड में सिर्फ तीन डायरेक्टर ही भाजपा के हैं। कांग्रेस के सबसे ज्यादा 25 डायरेक्टर हैं। ऐसे में कांग्रेस खेमा अधिक हावी है। माकपा के दो सदस्य और एक निर्दलीय डायरेक्टर है। अब यदि उपचुनाव हुआ तो भाजपा का आंकड़ा कम है। ऐसे में मनोनयन के रूप में जिला प्रमुख पद भाजपा के पास आ सकता है।
कैम्पस में बनेगा सांसद इंदौरा का ऑफिस
जिला परिषद कैम्पस में इंदौरा का दबदबा कायम रहेगा। इंदौरा भले ही जिला प्रमुख नहीं रहे लेकिन सांसद सेवा केन्द्र जिला परिषद परिसर में रहेगा। इस संबंध में निवर्तमान सांसद निहालंचद मेघवाल के ऑफिस में यह सेवा केन्द्र बनाया जाएगा। इस ऑफिस को फिर से नया लुक दिया जाएगा।