बेंगलूरु. चिकित्सा शिक्षा मंत्री और रायचूर जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. शरण प्रकाश पाटिल ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को उन किसानों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिन्हें अब तक फसल नुकसान का मुआवजा नहीं मिला है।
वे शुक्रवार को रायचूर में पेयजल, फसल नुकसान और अन्य मुद्दों पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।विधायक शिवराज पाटिल, बसनगौड़ा दद्दल, हम्पय्या नाइक और वी. वसंत कुमार ने रायचूर, सिरवार और मनवी तालुकों में नारायणपुर राइट बैंक नहर और तुंगभद्रा लेफ्ट बैंक नहर के आसपास स्थित भूमि में फसल के नुकसान की ओर पाटिल का ध्यान आकर्षित किया। उन्हें बताया कि किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा नहीं मिला है क्योंकि उनकी भूमि को संबंधित आरटीसी में सिंचित के रूप में उल्लेख किया गया है। इन्होंने मंत्री से इस खंड को हटाने और किसानों को मुआवजा देने का आग्रह किया। इसके बाद मंत्री ने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राहुल पांडवे ने बताया कि 10वें चरण के 14,517 किसानों को 141 करोड़ रुपए का मुआवजा जारी कर दिया गया है जबकि 11वें चरण का मुआवजा मिलना बाकी है।राजस्व अधिकारी ने बताया कि सिंधनूर तालुक के अमरपुर गांव में बिजली गिरने से मारे गए युवक के परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया है। गुंजली गांव में मगरमच्छ के हमले से एक लड़के की मौत की रिपोर्ट वन विभाग को सौंप दी गई है।
दूर करें घटिया बीज, पेयजल की समस्या घटिया किस्म के बीज और पीने के पानी की समस्या की खबरों पर मंत्री ने सुझाव दिया कि कृषि विभाग के अधिकारी इसकी बिक्री के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करें और जुर्माना लगाएं। उन्होंने अधिकारियों से मांग के आधार पर टैंकरों के जरिए गांवों में पीने का पानी पहुंचाने को कहा।