गुमटी संचालक लाइसेंस खत्म होने के बावजूद सरकारी भूमि पर अवैध रूप से व्यवसाय कर रहे थे। इनका लाइसेंस वर्ष 2002 में दस वर्ष के लिए जारी किया गया था। 2012 में इनकी अवधि समाप्त हो गई। प्राधिकरण ने इन्हें नोटिस देकर अतिक्रमण हटाने को कहा, लेकिन इन्होंने अतिक्रमण नहीं हटाए। कई आवंटी उपकिराएदारी के रूप में अन्य लोगों को गुमटी का कब्जा थमा गए।