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बैंक गारंटी जमा कराने की जगह फर्म को निगम ने कर डाला भुगतान

बीकानेर . अमृत 2.0 योजना के तहत नगर निगम क्षेत्र में 265 करोड़ रुपए के सीवरेज प्रोजेक्ट का कार्य प्रारंभ हो चुका है। प्रोजेक्ट की संवेदक फर्म की ओर से कार्य शुरू करने के साथ-साथ निगम से भुगतान प्राप्त करना भी शुरू कर दिया है। फर्म को निगम अब तक करीब 14 करोड़ रुपए का भुगतान […]

बीकानेरJun 09, 2024 / 11:11 pm

Vimal

बीकानेर . अमृत 2.0 योजना के तहत नगर निगम क्षेत्र में 265 करोड़ रुपए के सीवरेज प्रोजेक्ट का कार्य प्रारंभ हो चुका है। प्रोजेक्ट की संवेदक फर्म की ओर से कार्य शुरू करने के साथ-साथ निगम से भुगतान प्राप्त करना भी शुरू कर दिया है। फर्म को निगम अब तक करीब 14 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुका है। जबकि प्रोजेक्ट टेंडर की विशेष शर्त के तहत संवेदक फर्म को प्रोजेक्ट लागत की 10 प्रतिशत राशि बैंक गारंटी के रूप में जमा करानी थी। जिससे भविष्य में इस प्रोजेक्ट में किसी तरह की कमी या शर्तों के अनुरूप कार्य नहीं करने से वित्तिय नुकसान हो तो गारंटी राशि को जब्त किया जा सके। फर्म ने करीब 26 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी जमा करवाए बिना ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया। जबकि गारंटी राशि बिना कार्य शुरू नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं कार्य आगे बढ़ने के साथ ही निगम ने उलटा फर्म को भुगतान करने में जल्दबाजी दिखाई है।
टालने के लिए मार्गदर्शन का अड़ंगा

निगम ने सीवरेज प्रोजेक्ट की संवेदक फर्म मै. टेक्नोक्राट कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. से अनुबंध की विशेष विशेष शर्त 4.3.1 के तहत बैंक गारंटी प्राप्त नहीं कर विशेष छूट दे चुका है। अब इसकी जानकारी सार्वजनिक होने पर बचाव में रुडसिको जयपुर से मार्गदर्शन मांगने की तैयारी है। इससे सीधे तौर पर फर्म को भुगतान नहीं करने का समय मिल जाएगा। साथ ही किसी तरह की गड़बड़ी का आरोप लगा तो बचवा में इस प्रक्रिया का हवाला दे दिया जाएगा।
मॉनिटरिंग की कमी, नियमों की अनदेखी

सीवरेज प्रोजेक्ट के कार्य में मनमर्जी के आरोप लग रहे है। आमजन को परेशानियां हो रही है।लंबे समय से सीवर चैंबरों के लिए गड्ड़े खोदकर छोड़ रखे है। कही चैंबर बनाया भी है तो वहां गड्ढ़ों को पूरी तरह से नहीं भरा गया है। आगामी बारिश के सीजन में यह जानलेवा साबित हो सकते है।
मार्गदर्शन लेकर करेंगे कार्यवाही

अमृत 2.0 के तहत सीवरेज प्रोजेक्ट की निविदा रूडसिको जयपुर के स्तर पर जारी की गई। निगम की लेखाशाखा की विरोधाभाषी टिप्पणी से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। पहले कहा गया भुगतान कर सकते है, अब कह रहे है नहीं कर सकते। फर्म को दो बिलों का भुगतान हो चुका है। महापौर को फाइल भेज दी है। जयपुर से मार्गदर्शन लिया जाएगा। ताकि बैंक गारंटी लेकर ही शेष भुगतान की प्रक्रिया संपन्न हो सके। 
अशोक कुमार आसीजा, आयुक्त नगर निगम

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