प्रोफेसर वी. कामकोटि ने कहा कि फंडिंग में वृद्धि कई महत्वपूर्ण पहलों की ओर निर्देशित है, जिसमें उत्कृष्टता के नए केंद्रों की स्थापना और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों में संस्थान की अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाना शामिल है। इनमें वाधवानी स्कूल ऑफ डाटा साइंस एंड एआई का लॉन्च शामिल है, जिसने अकेले पूर्व छात्र सुनील वाधवानी से 110 करोड़ रुपए का योगदान प्राप्त किया। इस वर्ष के फंड द्वारा समर्थित अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं में खेल उत्कृष्टता प्रवेश कार्यक्रम और पवन ऊर्जा, मधुमेह अनुसंधान, एमएसएमई के लिए तकनीकी उत्कृष्टता, टिकाऊ आपूर्ति श्रृंखला और उन्नत चिकित्सा विज्ञान पर ध्यान केंद्रित करने वाले विशेष अनुसंधान केंद्रों की स्थापना शामिल है।
2023-24 के दौरान अकेले पूर्व छात्रों के माध्यम से जुटाई गई कुल राशि 367 करोड़ रुपए थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 282 प्रतिशत की वृद्धि है। शैक्षणिक विकास के लिए फंडिंग में तेजी से वृद्धि की आवश्यकता है। इस सर्वकालिक उच्च मात्रा में फंडिंग जुटाने में हम पर भरोसा करने और समर्थन करने के लिए सभी सीएसआर भागीदारों और आइआइटी मद्रास के पूर्व छात्रों को धन्यवाद। इस धनराशि का उपयोग तकनीकी अनुसंधान के साथ-साथ छात्रवृत्ति और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए भी किया जाएगा।
आइआइटी मद्रास के ऑफिस ऑफ इंस्टीट्यूशनल एडवांसमेंट के सीईओ कविराज नायर ने कहा, “पूर्व छात्र समुदाय और कॉर्पोरेट दानदाताओं के माध्यम से जुटाए गए धन का उपयोग अत्याधुनिक अनुसंधान का समर्थन करने, जरूरतमंद छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने और परिसर को विकसित करने में मदद करने के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा, “इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश कर, आइआइटी मद्रास का लक्ष्य न केवल शैक्षणिक अनुभव को बढ़ाना है बल्कि नवाचार और सामाजिक परिवर्तन के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करना है।